राजनाथ सिंह और सेना अध्यक्ष दि्ववेदी ने 20 मिनट तक गर्भगृह में किया पूजन
उज्जैन, अग्निपथ। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना अध्यक्ष उपेंद्र दि्ववेदी सोमवार को उज्जैन पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर पहुंच कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। रक्षा मंत्री और सेना अध्यक्ष ने गर्भगृह में करीब 20 मिनट तक पूजा की। पूजन मुख्य पुजारी घनश्याम शर्मा द्वारा सम्पन्न करवाया गया। रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह और सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी मध्य प्रदेश के दो दिन के दौरे पर हैं। अपने प्रवास के दूसरे दिन दोनों भगवान महाकाल के दर्शनों के लिए उज्जैन पहुंचे। राजनाथ सिंह ने गर्भगृह में पूजन के बाद नंदी हाल में बैठकर भगवान महाकाल का ध्यान लगाया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा- भगवान महाकाल के दर्शन पाकर धन्य हुआ।
इस अवसर पर सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक उषा ठाकुर, सभापति नगर पालिक निगम कलावती यादव, आयुक्त संजय गुप्ता, डीआईजी नवनीत भसीन, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा मौजूद रहे।
सोमवती अमावस्या पर शिप्रा में श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवती अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला शिप्रा में स्नान किया।
उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंचे। इस दौरान कुछ भक्त सोमवती कुंड में भी स्नान कर रहे थे। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद भी उत्साह देखते बन रहा है।
भीड़ को देखते हुए पुलिस के साथ एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई है। स्नान कर तीर्थ पर दान-पुण्य और पितृ कर्म कर रहे थे। सुबह से ही श्रद्धालु रामघाट पर डुबकी लगाने पहुंच रहे थे। महाकाल मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी।
शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर बेरिकेड्स लगाए
शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड्स लगाए गए थे। सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में पर्व स्नान की व्यवस्था की गई थी। सोमवती अमावस्या पर शिप्रा नदी के साथ-साथ सोमकुंड में भी स्नान करने की परंपरा भी है। शिप्रा घाट पर पंडितों ने घाट के ऊपर स्थित धर्मशाला में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया।
सोमवती अमावस्या पर सोमकुंड में स्नान के बाद श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन कर पूजन का विधान है। मान्यता है कि इससे मनुष्य की जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष खत्म हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।