अर्जुन सिंह चंदेल
दुनिया के पहले कार्बन नेगेटिव देश भूटान के बारे में इतना पढक़र उसे देखने की इच्छा और जिंदगी के कुछ दिन और साँसों में स्वच्छ ऑक्सीजन की इच्छा बलवती हो रही थी। उज्जैन के मेरे प्रिय मित्र भी भूटान जाने के इच्छुक थे काफी लंबे समय से हम दोनों प्रयासरत थे भूटान यात्रा की जुगाड़ के। ग्रुप पर 5 माह पहले संदेश डाला पर मात्र 6 ही लोग राजी हो पाये 4 उज्जैन से और दो भोपाल से। तीन-चार बार प्रोग्राम बना पर ऐन वक्त पर बाधा आने से निरस्त करना पड़ा। तब हमने तय किया कि ऐसे काम नहीं चलेगा मन कट्ठा करके एयर टिकट करवा लो बाद में देखा जायेगा।
नवंबर माह में बच्चों की मदद लेकर हवाई यात्रा के सस्ते टिकट की खोजबीन शुरू करवायी सौभाग्य से 5 जनवरी 2025 को इंदौर से बागडोगरा और 16 जनवरी को बागडोगरा से इंदौर वापसी का सबसे कम किराया 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति था, हमने मौके को हाथ से जाने नहीं दिया आनन-फानन में साथियों से रुपये मंगवाये और टिकट बुक करवा दिये जो वापस धन मिलने वाले नहीं थे, मतलब अँग्रेजी में नॉन रिफन्डेबल। काम पक्का हो गया था।
दो माह का समय था यात्रा में, बाकी कुछ भी तय नहीं था कि कहाँ रुकेंगे, कैसे घूमेंगे, टूर आपरेटर करेंगे या खुद ही प्रबंध करेंगे। नवंबर पूरा बीत गया, दिसंबर भी आधा निकल गया तब चिंता हुयी कि दिन नजदीक आते जा रहे हैं यात्रा के, प्रबंध करना चाहिये। गूगल देवता की मदद से भूटान बार्डर पर स्थित पश्चिम बंगाल के जयगाँव के व्हाइट हाऊस होटल का नंबर मिल गया। फिर क्या था घुमा दिया चलायमान फोन। फोन पर महिला का स्वर सुनायी दिया वह पंजाबी थी उनसे होटल में ठहरने की बात की मोल-तोल करके तीन रूम बुक कर दिये 5 जनवरी के लिये मात्र 3000/- रुपये में तीन रूम, जयगाँव के बाकी होटल के भी नंबरों पर भी बात की परंतु यही होटल साफ-सुथरा ठीक लगा और किराया भी कम था।
एक काम तो हो गया अब दूसरा काम था भूटान कैसे घूमा जाय तीन-चार टूर आपरेटरों से बात करी कोई 35 हजार तो कोई 36 हजार प्रति व्यक्ति बता रहा था। अपने राम को यह ज्यादा लग रहा था। फिर से जयगाँव वाली भद्र महिला को फोन लगाया और उनसे अपनी समस्या बतायी उन्होंने अपने मैनेजर बलराम का नंबर दिया और कहा कि वह आपकी मदद करेगा।
बलराम भाई से बात हुयी वह बहुत ही अच्छे इंसान है उन्होंने बताया कि उनका एक भूटानी मित्र है जो गाईड का काम करता है वह आपकी सारी व्यवस्था अच्छे से करवा देगा। हमें यही चाहिये था फटाफट नंबर लिया और व्हाटसअप काल पर बात की आदत के मुताबिक सारी डील की खूब छाछ की अंत में 25 हजार प्रति व्यक्ति के मान से 6 रात 7 दिन का टूर पैकेज फायनल कर दिया।
जिसमें 2 रात थिम्पू, 2 रात पुनाखा और 2 रात पारो में तीन सितारा होटल में स्टे, ब्रेकफास्ट, साईट सीन, बागडोगरा एयरपोट से पिकअप और वापसी फुंटशोलिंग (बार्डर) तय हो गया इसमें 1250/- रुपये प्रति यात्री/ प्रति दिन सतत दैनिक शुल्क (एस.डी.एफ.) और 2500/- रुपये प्रतिदिन गाईड की राशि भी शामिल थी। हमने जयगाँव के मित्र के माध्यम से अग्रिम भी भिजवा दिया होटलों के नाम और कमरों के फोटो हमने मँगवा लिये थे जहाँ हम ठहरने वाले थे। यात्रा की तिथि नजदीक आ रही थी धडक़ने बढ़ रही थी, एक और मित्र देश की यात्रा पर जाने वाले थे हम।
शेष अगले अंक में