पड़ोसी शहर इंदौर में खतरा आ गया है। यहां पर कोरोना के नए खतरनाक रूप (यूके वैरियंट के वायरस) की चपेट में आए ६ मरीज मिले हैं। खास बात यह है कि यह मरीज कभी विदेश गए ही नहीं हैं। यानी इंदौर में खतरनाक विदेशी कोरोना वायरस पैर जमा चुका है और लोग इस खतरे से बेखबर हैं।
अब जागने की बारी हमारी है। इंदौर से रोज हजारों लोग उज्जैन आते-जाते हैं जो निश्चित ही इस नए खतरनाक वायरस का संवाहक बन रहे हैं। पिछले साल भी सबसे पहले इंदौर में कोरोना ने कदम रखे थे। उस वक्त हम लोग पड़ोसी शहर की हालत देख हंस रहे थे और हमारी ओर बढ़ते खतरे से बेखबर थे।
बाद में उज्जैन भी संक्रमण की चपेट में आया। खैर मनाइए कि महाकाल की नगरी में कोरोना अभी तक सिर्फ १०३ लोगों को ही चपेट में ले पाया है। एक बार फिर पड़ोस में खतरे की दस्तक दी जा चुकी है। या यूं कहिए कि खतरा पड़ोसी के घर आ चुका है और हम फिर पिछले साल की तरह गलती दोहराने जा रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर ना कोई रोक-टोक और न ही हमारे द्वारा कोई सावधानी बरती जा रही है। वायरस का खतरनाक रूप यहां पैर फैलाए, उसके पहले ही हमे जागना होगा।