दस्तावेजों में हेरफेर कर समाज की संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप

नागदा, अग्निपथ। अग्रवाल समाज ट्रस्ट नागदा एवं बिरलाग्राम का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार की सुबह विधायक डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान से उनके कार्यालय पर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल के नेतृत्व में मिला। अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि 12 जनवरी 1982 को अग्रोहा शिक्षण समिति बनाने के बाद स्कूल का संचालन किया जा रहा था इसके लिए समिति द्वारा ग्राम पाडल्याकलां स्थित भूमि सर्वे नंबर 449/1/37 रकबा 0.0303 हे भूमि जो कृषि भिन्न आशय की होकर उक्त संपत्ति को खरीदी थी।

समिति के सदस्यों द्वारा प्राचार्य समिति संचालन हेतु कमल पिता बजरंगलाल शर्मा निवासी जवाहर मार्ग गली नं 1 नागदा को नियुक्त किया था, शर्मा द्वारा समिति के अन्य सदस्यों/समाज के सदस्यों की अज्ञानता व कम पढे लिखे होने का लाभ उठाते हुए समिति की उपरोक्त ग्राम पाड्ल्याकलां की भूमि सर्वे नंबर 449/1/37 रकबा 0.0303 हे पर अपना नाम प्रशासक के रूप असत्य दस्तावेजो के आधार पर कूटरचना व धोखाधडी कर षडयंत्रपूर्वक दर्ज करवा लिया गया।

चूंकि समिति का निरंतर भूमि पर कब्जा चला आ रहा था तथा इस संबंध में समिति के पास उक्त संपत्ति की रजिस्ट्री भी है, कमल शर्मा द्वारा समिति की संपत्ति हड़पने के आशय से व गबन करने एवं समिति/समाज के लोगो के साथ धोखाधडी करते हुए आराजी पर अपना नाम दर्ज करवा लिया है।

इसमें धर्मेन्द्र गुप्ता व उसके अन्य साथियों द्वारा समिति की संपत्ति पर आये दिन आकर दबाव बनाया जा रहा है कि हम नेतागिरी से लेकर शासन, प्रशासन में दखल रखते है और चुपचाप से संपत्ति खाली कर दो नही तो किसी भी दिन तुम लोगो को मारपीट कर भगा देगें और भूमि पर कब्जा कर लेगें। जबकि उक्त भूमि समिति/समाज की होकर कमल शर्मा का उक्त संपत्ति में कोई हक व हिस्सा नही है ना ही उसका आधिपत्य है ऐसे में कमल शर्मा द्वारा धोखाधडी व जालसाजी पूर्वक संपत्ति के दस्तावेजो में अपना नाम दर्ज करवाया हैं।

प्रतिनिधिमंडल में विशाल अग्रवाल, राकेश जिन्दल, दिनेश अग्रवाल, रामचरामचरण अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, दिवांस अग्रवाल, विनेश अग्रवाल, कल्पना अग्रवाल, मुकेश मोहता, आशुतोष पाटोदिया, ललित गनेरीवाल, दीपक गर्ग, हसंराज अग्रवाल, नरेंद्र पाल, लता अग्रवाल, उर्मिला खेतान आदि मौजूद रहे।

इनका कहना

मुझे समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा स्कूल व समिति संचालन के लिए प्रशासक नियुक्त किया था, यदि वह चाहते है तो मुझे हटा सकते है। रही बात खसरे में नाम अंकित होने की तो उस समय तहसील कार्यालय से बार बार नोटिस आ रहा था इसलिए मेरा नाम दर्ज हो गया।
– कमल शर्मा, प्रशासक

मुझ पर जो आरोप लगाए गए है वह निराधार है समिति का संचालन फर्म एवं रजिस्र्टार के नियमानुसार किया जा रहा है यदि किसी को आपत्ति है तो वह न्यायालय की शरण में जा सकता है।
– डीके शर्मा, अध्यक्ष अग्रोहा शिक्ष समिति

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