हाउस कीपिंग का उज्जैन का सबसे बड़ा टेंडर, करीब 1300 कर्मचारियों की होती है डिमांड
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर मेें सफाई और मेंटेनेंस संबंधी कामकाज के लिए नया टेंडर निकाला गया है। 8 मई को जारी यह टेंडर 40 करोड़ रुपए का है। अभी यह काम केएसएस (कृष्णा सिक्यूरिटी एंड सर्विसेस कंपनी) संभाले हुये हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक द्वारा 8 मई को जारी इस टेंडर में कंपनी से सफाई, मेंटेनेंस और तकनीकी व गैर तकनीकी सेवाओं के लिये कर्मचारी व सुविधाएं चाही गई है। दो साल (३७० दिन) के लिए यह टेंडर निकला है जिसकी कीमत 40 करोड़ रुपए है। 17 से 29 मई तक टेंडर जमा होंगे और 30 मई को टेंडर ओपन होंगे। टेंडर की फीस 50 हजार रुपए तय की गई है।
अभी केएसएस कंपनी के पास है महाकाल मंदिर सफाई का जिम्मा
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सफाई, मेंटेनेंस और हाउसकीपिंग का यह जिम्मा वर्तमान में केएसएस कंपनी के पास है। केएसएस कंपनी के पास पिछले लंबे समय से यह ठेका है। यह टेंडर मार्च 2022 में समाप्त हो चुका था लेकिन कंपनी की अच्छी साख को तो देखते हुए मंदिर समिति प्रति वर्ष कांटेक्ट बढ़ाती आ रही थी। इस बार मंदिर समिति ने नया टेंंडर निकाला है।
हाउस कीपिंग का उज्जैन का सबसे बड़ा टेंडर
मंदिर में हाउस कीपिंग का यह टेंडर उज्जैन का सबसे बड़ा टेंडर है। जिसमें करीब 1300 से अधिक कर्मचारियों की सेवाओं की जरूरत होती है। जो कि मंदिर में सफाई, ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर, अनाउंसमेंट, लड्डू निर्माण, अन्नक्षेत्र, कार्यालयीन सहायक, मशीन ऑपरेटर, जल सेवा, प्रोटोकाल सेवा सहित सभी महत्वपूर्ण सेवाओं (सुरक्षाकर्मी के अतिरिक्त) में सेवाएं देते हैं। पहले सुरक्षाकर्मी का जिम्मा भी केएसएस कंपनी के पास ही था लेकिन 15 जून 2०२३ से यह जिम्मेदारी महाराष्ट्र की क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रा. लि. को सौंप दी गई है।
जुर्माने से घबराई क्रिस्टल कंपनी ने दिखायी पीठ, सुरक्षा जिम्मा संभालने को तैयार नहीं
सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र की क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रा. लि. ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभालने से इंकार कर दिया है। इस आशय का नोटिस कंपनी के जिम्मेदारों ने श्री महाकाल मंदिर समिति को भी भेज दिया है। कंपनी ने जून 2023 से कामकाज संभाला था। दो साल यानी जून 2025 में कंपनी का टेंडर समाप्त हो जायेगा। उसके बाद अब क्रिस्टल कंपनी काम करने की इच्छुक नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा लगाये गये जुर्माने के कारण हुए नुकसान के बाद कंपनी अब यहंा काम करने की इच्छुक नहीं है। दूसरी ओर मंदिर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जुर्माने नियमानुसार ही लगाये गये हैं, क्योंकि कंपनी ने कभी भी नियमों के मुताबिक सेवाएं नहीं दी।
मंदिर की जरूरत के मुताबिक सुरक्षा कर्मी उपलब्ध नहीं करवाये, सुरक्षाकर्मियों को समय पर वेतन नहीं दिया, आपराधिक प्रवृत्ति के सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जिनकी वजह से कई बार मंदिर की छबि धूमिल हुई ऐसे कई आरोपों के कारण मंदिर समिति ने क्रिस्टल कंपनी पर जुर्माने की कार्रवाई की है।