विरोध कर रहे लोगों को कोर्ट का आदेश दिखाया, भीड़ हुई शांत
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम और उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) की टीम शुक्रवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ मुस्लिम बहुल इलाके में पहुंची। यहां उन 28 संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू की गई जो या तो बिना लीज नवीनीकरण के बेची गई थीं या जिन पर अवैध निर्माण किया गया था।
शुरुआत में प्रशासन ने तीन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाना शुरू किया। इसकी खबर फैलते ही सुबह 5 बजे से बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर बैठकर विरोध करने लगे। हालात को देखते हुए एहतियातन महाकाल मंदिर जाने वाला रास्ता कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया।
अधिकारियों ने दी समझाइश, खुद हटाया कब्जा
कार्रवाई के दौरान उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी, एसडीएम एलएन गर्ग और एडिशनल एसपी नितेश भार्गव मौके पर मौजूद थे। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अधिकारियों ने शहर काजी और मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों से बातचीत की। बातचीत के बाद लोगों ने प्रशासन को सहयोग दिया और कुछ लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया।
28 अवैध संपत्तियों की लीज निरस्त
उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि यह कार्रवाई यूडीए की एक पूर्व स्वीकृत योजना के तहत की जा रही है। लगभग डेढ़ साल पहले यूडीए के संचालक मंडल ने 28 ऐसी संपत्तियों की लीज निरस्त की थी, जिनमें नियमों का उल्लंघन किया गया था। इन संपत्तियों की लीज वर्ष 2014 में ही समाप्त हो चुकी थी।
सीईओ संदीप सोनी ने बताया, इन संपत्तियों पर नियमों को दरकिनार कर रेसीडेंशियल भूमि पर कॉमर्शियल निर्माण कर लिया गया। एक ही प्लॉट को टुकड़ों में बांटकर कई लोगों को बेचा गया, जो स्पष्ट रूप से गलत है। इसलिए लीज रद्द की गई थी।
इनमें से प्लॉट नंबर 49 और 50 को धारा 248 के तहत अतिक्रमण मुक्त कराना था। सितंबर 2024 में यूडीए द्वारा इन पर अतिक्रमण हटाने का अंतिम आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद संबंधित पक्ष न्यायालय चले गए थे। अब हाईकोर्ट से स्टे हट जाने के बाद शुक्रवार को दो प्लॉट पर बने पांच मकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया
एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में कब्जा हटाने की कार्रवाई की जानी थी। क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण मौके पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। सुबह कुछ लोगों ने सडक़ पर बैठकर विरोध जताया, लेकिन जब उन्हें कोर्ट का आदेश दिखाया गया तो स्थिति शांत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। उन्होंने बताया कि लोगों ने सहयोग किया और स्वेच्छा से अपने मकान खाली कर दिए। फिलहाल स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है।