तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा
नागदा जंक्शन। लड़कियों का दुष्कर्म कर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले आरोपियों को पुलिस द्वारा शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाना था, पुलिस को शंका थी कि आरोपियों के साथ मारपीट हो सकती है, जिसको लेकर भारी पुलिस बल तैनात किया। वीसी के माध्यम से आरोपियों की पेशी हुई, न्यायालय ने तीन दिन के रिमांड पर पुलिस के सुर्पूद किया।
नागदा के बिरलाग्राम थाना प्रभारी अमृत बागड़ी ने बताया बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात बिरलाग्राम पुलिस की टीम गश्त पर थी। इसी दौरान टीम ने बीसीआई के खंडहर में घूमते हुए कुछ संदिग्धों को देखा। पुलिस को देखकर वे भागे लेकिन इसी दौरान उनके मोबाइल और पैनड्राइव वहीं गिर गए।
मोबाइल में कई अश्लील वीडियो मिले
टीआई ने मोबाइल में वीडियो देखे तो चौंक गए। उसमें कई अश्लील वीडियो मिले। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी इस संबंध में पूरी जानकारी दी और मामले की जांच शुरू की। इस गिरोह का सरगना नागदा के इंदिरा कॉलोनी निवासी सूफियान पिता सलीम, रंगोली गार्डन के पीछे रहने वाला सोहेल, चंबल कॉलोनी में रहने वाला तोहिद, चेतनपुरा में रहने वाला उस्मान है। दो आरोपी अभी गिरफ्तार नहीं हुए हैं।
सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को नागदा और बिरलाग्राम पुलिस द्वारा शुक्रवार की शाम लगभग चार बजे न्यायालय में पेश किया जाना था, लेकिन पुलिस के पास पाईंट आया कि आरोपियों के साथ मारपीट हो सकती है। जिसको लेकर टीआई अमृतलाल गवरी, बिरलाग्राम टीआई जितेंद्र पाटीदार सहित भारी पुलिस बल न्यायालय परिसर में तैनात हो गया, वहीं कुछ जवानों को सिविल ड्रेस में भी तैनात किया गया।
5 बजे तक इंतजार, इसके बाद वीसी के माध्यम से पेशी
हालांकि इस दौरान वकील भी बड़ी संख्या में सामुहिक रुप से खड़े दिखाई दिए। पुलिस ने शाम पांच बजे तक इंतजार किया, इसके बाद आरोपियों को वीसी के माध्यम से पेशी कराई, जिसमें न्यायालय ने आरोपी सुफियान सलीम खान निवासी इंदिरा कॉलोनी, अरुण मुकेश वर्मा निवासी इंदिरा कॉलोनी, वीरु देवीलाल सिलावट निवासी चेतनपुरा, सोहेल उर्फ वासीद पिता अजीज मंसुरी उम्र 22 वर्ष, उस्मान सलीम निवासी चेतनपुरा, तोहिद अनवर निवासी चेतनपुरा को तीन दिन के रिमांड पर पुलिस के सुपूर्द किया। इधर पुलिस की एक टीम आरोपी अरुण को पकडऩे के लिए तकनीकी आधार पर केदारनाथ पहुंची है।
आरोपियों की पैरवी कोई नहीं करेगा कोई वकील : अभिभाषक संघ
अभिभाषक संघ की पुस्तकालय सचिव कांता सरोज ने बताया कि वकीलों ने निर्णय लिया है कि आरोपियों की पैरवी कोई नहीं करेगा। मामला गंभीर होने से पीडि़ताओ को जल्दी न्याय मिले इसको लेकर प्रयास कर रही है कि फास्टट्रेक न्यायालय में केस चले। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। फास्टट्रेक न्यायालय में प्रकरण तभी चल सकता है जब सभी आरोपियो की गिरफ्तारी हो जाए। अरूण की गिरफ्तार नही होगी तो फास्टट्रेक न्यायालय में मामला चलना मुश्किल हो सकता है।
इनका कहना
आरोपी की गिरफतारी के लिए दल गया है। प्रकरण फास्टट्रेक न्यायालय में चले इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
-मयूर खंडेलवाल, एएसपी, ग्रामीण