उज्जैन। उज्जैन का मशहूर कार्तिक मेले का आनंद इस बार लोग नहीं उठा पाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते कलेक्टर ने मेला निरस्त कर दिया है। सिद्धवट पर कार्तिक चतुर्दशी और पूर्णिमा पर लगने वाले मेले को भी निरस्त कर दिया गया है। लेकिन पूर्णिमा स्नान को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
मशहूर कार्तिक मेला 29 नवंबर से शुरू होने वाला था, जोकि 28 दिसंबर तक चलता। कोरोना संक्रमण के चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने इसे निरस्त कर दिया है। निगमायुक्त क्षितिज सिंघल को भेजे आदेश में उन्होंने स्पष्ट रूप से कार्तिक चतुर्दशी 28 और पूर्णिमा 29 को सिद्धवट पर लगने वाले दो दिवसीय मेला निरस्ती के भी आदेश जारी किए हैं। लेकिन नहान को लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में घाट के पंडे पुजारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चतुर्दशी को बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों के निमित्त पूजा करवाने आते हैं। इस दौरान वह स्नान आदि कर्म भी क्षिप्रा में करते हैं। वहीं कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिंदू त्योहारों में बड़ा स्नान माना जाता है। इसी के चलते दूर-दूर से श्रद्धालु पूर्णिमा स्नान के लिए शिप्रा घाट पर पहुंचते हैं। स्नान सिद्धवट और रामघाट पर संपन्न होता है।
झूला-चकरी से वंचित
कोरोना संक्रमण के इस दौर में प्रति वर्ष कार्तिक मेले का आनंद लेने वाली शहर की जनता और बाहर से आने वाले लोग भी इस बार झूला-चकरी, गराडू, जलेबी सहित अन्य आनंद से वंचित रहेंगे। ग्रामीण महिलाएं आर्टिफिशियल ज्वेलरी और अन्य सजावटी सामान खरीदती हैं। बच्चे भी खिलौने सहित अन्य आयटमों के लिय कार्तिक मेले का इंतजार करते हैं।