1 जून से लेफ्ट-राइट सिस्टम के साथ खुलेंगे बाजार
उज्जैन। उज्जैन में रविवार को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक हुई। मीटिंग में एक जून से शहर को को शर्तों के साथ खोलने का निर्णय लिया गया। जिसमें संक्रमण वाली जगह की आसपास को छोडक़र सभी प्रकार के निर्माण कार्यों को छूट, कृषि उपज मंडी शुरू होगी। कृषि दवाई ओर खाद बीज की दुकानें खुलेंगी। धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। शराब दुकानों पर राज्य सरकार की गाइड लाइन लागू होगी। सभी दुकानें सुबह 6 बजे शाम 6 बजे तक खोली जा सकेंगी, लेकिन लेफ्ट राइट का नियम पालन करते हुए, जिसमें एक दिन लेफ्ट की और अगले दिन राइट की दुकानें खुलेंगी। आज क्राइसिस मैनजमेंट की मीटिंग में कैबिनेट मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह सहित जिले आला अधिकारी मौजूद थे।
सिनेमा घर, धार्मिक स्थल अभी बंद रहेंगे
बैठक में ये फैसला लिया गया कि अभी सिनेमा घर, धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल, स्विमिंग पुल, पिकनिक स्पॉट बंद रहेंगे, शासकीय कार्यालय आवश्यक सर्विस को छोडक़र 50 प्रतिशत कर्मचारी दफ्तर जा सकेंगे। वहीं अंतिम संस्कार में सिर्फ 10 लोग ही शामिल हो सकते हैं। शादी में भी सिर्फ 20 लोगों को ही शामिल होनी की अनुमति दी गई है। जो लोग शादी में शामिल होंगे, उनकी सूचि थाने में देनी होगी।
जिले में ऐसे कम हुआ संक्रमण
उज्जैन में पिछले 10 दिनों में संक्रमित मरीजों के आंकड़े में लगातार गिरावट आई है। 20 मई को 2426 सैम्पल लिए गए। जिसमें 127 संक्रमित मिले, पॉजिटिविटी रेट 5.23 प्रतिशत था। 29 मई को मेडिकल बुलेटिन में 2295 सैम्पल लिए गए। जिसमें मात्र 19 संक्रमित मिले। जिसका पॉजिटिविटी रेट मात्र 0.82 प्रतिशत रहा है।
व्यापारी लेफ्ट-राइट के निर्णय के विरोध में
उज्जैन में अनलॉक में एक जून से लेफ्ट-राइट की दुकानें अलग-अलग दिन खोलने के निर्णय का व्यापारियों ने विरोध किया है। नईपेठ व्यापारी एसो. के अध्यक्ष विजय अग्रवाल का कहना है कि यह निर्णय तर्कसंगत नहीं है। इससे बाजार में भीड़ नहीं रूकेगी। इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
शादियों के लिए 20 को अनुमति, टेंट-गार्डन व्यवसायियों ने जताया विरोध
अनलॉक में विवाह के लिए मात्र 20 लोगों को अनुमति देने के निर्णय लिया गया है। जिसका शादी-विवाह से जुड़े लोगों ने विरोध किया है। रविवार को श्री महाकाल टेंट-गार्डन-मंडप व्यापारी एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश गेहलोत ने निर्णय के विरोध में कलेक्टर, सांसद, विधायक और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन मेल किया है। जिसमें कहा गया है कि शहर बीस हजार से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी शादी-ब्याह से जुड़ी है। जिसमें टेंट, गार्डन, हलवाई, बैंड-बाजा, ढोली, वेटर से लेकर कई तरह के सेवा प्रदाता व व्यापारी शामिल हैं।
यह सभी पिछले दो साल से रोजगार ठप होने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। अगर जून में २०० व्यक्तियों के साथ भी विवाह आयोजनों की अनुमति मिल जाती है तो इन लोगों को जीने के लिए कुछ ऑक्सीजन मिल जाएगी। क्योंकि शादियों के प्रमुख महीना अप्रैल और मई तो लॉकडाउन के कारण व्यापार खत्म हो चुका है। प्रशासन इसके लिए अलग गाइड लाइन बना सकता है। जैसे मैरिज गार्डन व धर्मशाला की क्षमता के मान से आधे लोगों की उपस्थिति की कोविड गाइड लाइन के मुताबिक विवाह किए जा सकते हैं। मप्र टेंट व्यवसायी फेडरेशन के सचिव आशीष मल्होत्रा ने भी मांग का समर्थन किया है।