थांदला (फरीदा अब्दुल कादिर)। शुक्रवार को कलेक्टर का थांदला क्षेत्र में भ्रमण था। कलेक्टर के थांदला भ्रमण ने प्रेस और प्रशासन के बीच सामंजस्यता की पोल खोल कर रख दी। थांदला क्षेत्र की मीडिया ने कलेक्टर के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।
दरअसल लंबे समय से थांदला क्षेत्र के पत्रकार प्रशासन की ओर से उपेक्षा के शिकार हो रहे थे। कोरोना काल में भी स्थानीय प्रशासन ने मीडिया की उपेक्षा की, किन्तु मीडिया ने राष्ट्रीय आपदा को समझते हुए प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया। अब जब जिला कोरोना मुक्त होने से शून्य के कागार पर है और कलेक्टर ने अपना भ्रमण थांदला क्षेत्र में रखा तब भी स्थानीय प्रशासन द्वारा मीडिया को खबर नहीं करने से नाराज पत्रकारों ने कलेक्टर के मामा बालोद्यान में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए नगर से बाहर लाखयाखाली के किनारे कलेक्टर के तलावड़ा से आने की प्रतीक्षा कर कलेक्टर के आते ही उनसे मुलाकात कर स्थानीय प्रशासन द्वारा मीडिया की उपेक्षा की शिकायत करते हुए मामा बालेश्वर दयाल उद्यान में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
सौंपा ज्ञापन
क्षेत्र के पत्रकारों ने कोरोना काल मे थांदला के जांबाज पत्रकार राकेश पाठक की कोरोना से मृत्यु होने पर कलेक्टर को आवेदन देते हुए बताया कि मीडिया लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है और विशेष कर ग्रामीण पत्रकारिता ही लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की रीढ़ की हड्डी है।
ऐसे समय में थांदला के पत्रकार राकेश पाठक भी पत्रकारिता करते हुए कोरोना की चपेट में आए और जिले सहित सम्भाग के सरकारी अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में आक्सीजन की कमी और बेड की उपलब्धता नहीं होने से गुजरात उपचार के लिए जाना पड़ा जहां उनका निधन हो गया। ऐसे में स्वर्गीय पाठक के बच्चों को सरकारी नौकरी के साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता व शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाए। इस मौके पर पत्रकार मुकेश अहिरवार ने नगर की अतिक्रमण समस्या को ले कर एक ज्ञापन कलेक्टर को दिया।