नई दिल्ली। भारत अभी तक ज्यादातर मिसाइलें और रक्षा हथियार दूसरे देशों से खरीदता आ रहा है। लेकिन, आने वाले समय में भारत की ताकत और अधिक बढ़ने वाली है। दरअसल, अगले साल भारत और फिलीपींस उस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिसके तहत फिलीपींस भारत से ब्राह्मोस मिसाइलें खरीदेगा। अगले साल होने वाले समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते शामिल होंगे। ब्राह्मोस मिसाइलों को भारत-रूस ने संयुक्त रूप से बनाया है।
पूरे मामले से वाकिफ सूत्रों ने गुरुवार को सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से बताया कि नई दिल्ली स्थित भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस की एक टीम के, जो हथियार प्रणाली का प्रोडक्शन करती है, फिलीपींस की सेना को पहली बार मिसाइलों की आपूर्ति के लिए सौदे के कुछ शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए दिसंबर महीने में मनीला का दौरा करने की उम्मीद है।
एक शख्स ने बताया, ”मनीला दौरे पर जाने वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस की टीम उन छोटी-मोटी दिक्कतों को सुलझाएगी ताकि आने वाले समिट में इस समझौते को फाइनल किया जा सके। बाकी सभी चीजें फाइनल हो गई हैं।” उन्होंने आगे बताया, ”हालांकि, अभी तक पीएम मोदी और रोड्रिगो दुतेर्ते के बीच होने वाले समिट की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि अगले साल फरवरी में समिट का अयोजन हो सकता है। बैठक के दौरान भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और उसके फिलीपींस समकक्ष के बीच आईसीटी और वायु अधिकारों के बीच सहयोग सहित कई अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।”
वहीं, भारत और फिलीपींस के बीच 6 नवंबर को हुई विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्ष त्योदोरो लॉकसिन के बीच वर्चुअल मीटिंग में ही रक्षा सहयोग और खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद थी। इसी में ब्राह्मोस मिसाइलों का समझौता भी शामिल होता, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। हालांकि, उक्त सूत्रों ने बताया कि औपचारिकता की वजह से हस्ताक्षर नहीं हो सके। हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी उपलब्ध नहीं थे और यह एक औपचारिकता थी।
दोनों ही पक्ष साल की शुरुआत से ही समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हुए थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते समझौते पर असर पड़ा। रूस के उप-प्रमुख मिशन रोमन बाबूसकिन ने गुरुवार को कहा कि भारत और रूस धीरे-धीरे ब्रह्मोस को बढ़ाने और तीसरे देशों को मिसाइल एक्सपोर्ट करना शुरू कर रहे हैं। इसकी शुरुआत फिलीपींस के साथ हो रही है।