पुलिस ने चार बुलेट और 2 बाइक बरामद की
उज्जैन, अग्निपथ। चोरी की बुलेट बेचने की फिराक में पकड़ाए दूध व्यवसायी और उसके साथी की निशानदेही पर शुक्रवार को पुलिस ने 4 बुलेट और 2 बाइक बरामद की है। वाहन कंजरों द्वारा चुराये जाते थे और दोनों दूध व्यवसायी उसे बेचने का काम करते थे।
तराना टीआई संजय मंडलोई ने बताया कि मुखबिर से बुआखेड़ी मार्ग डाक बंगले के आगे एक व्यक्ति कम कीमत में बुलेट बेचने की फिराक में घूमने की सूचना मिली थी। सूचना पर एसआई बाबूलाल चौधरी, एएसआई मदनलाल रावत की टीम को रवाना किया गया। बुलेट लेकर खड़ा व्यक्ति पुलिस को देख भागने का प्रयास करने लगा। जिसे घेराबंदी कर पकड़ा और बुलेट के दस्तावेज मांगे लेकिन वह नहीं दिखा सका। शंका के आधार पर थाने लाकर पूछताछ करने पर उसने अपना नाम चरणसिंह पिता देवीसिंह गुर्जर निवासी ग्राम हनुमंति बताया।
बुलेट चोरी की होने के साथ उसने ग्राम भडसिंगा में पवन पिता अमृतलाल के पास एक बुलेट होने की जानकारी दी। पुलिस टीम ने पवन को हिरासत में लेकर उसके पास से दूसरी बुलेट बरामद करते हुए ग्राम हनुमंति में छुपाकर रखी गई 2 बुलेट और 2 बाइक भी जब्त कर ली। दोनों की निशानदेही पर सात लाख रुपए कीमत के 6 वाहन बरामद किये गये है। दोनों ने पूछताछ में बताया कि वह दूध का व्यवसाय करते है। ग्राम रुलकी थाना बेरछा जिला शाजापुर के अर्जुन पिता नागर कंजर और श्रवण पिता घनश्याम कंजर चुराने के बाद उन्हे बेचने के लिये लाकर देते थे।
टीआई मंडलोई के अनुसार दोनों कंजरों की तलाश शुरु की गई है। हिरासत में लिये गये दोनों दूध व्यवसायियों को शनिवार दोपहर न्यायालय में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। उनकी निशानदेही पर कुछ ओर वाहन मिलने की संभावना है।
नंबर बदलकर 30 हजार में बेचते थे
एसआई बाबूलाल चौधरी ने बताया कि हिरासत में आये चरणसिंह और पवन ने बताया कि कंजरों से वाहन मिलने के बाद नंबर बदल कर बुलेट 25 से 30 हजार रुपए में बेच देते थे। वहीं वाहन खरीदने वालों से कहते थे कि कुछ दिन बाद वाहन के दस्तावेज आ जाएंगे, उसके बाद कुछ रुपये ओर देना होगें। चोरी के वाहन पर नंबर ऐसे वाहन का लिखते थे जो दूसरे शहर में उसी रंग का कंपनी चल रहा होता था। उक्त नंबर खरीददार द्वारा सर्च करने पर वह आरटीओ की साइड पर रजिस्टर्ड होता था।
इनकी रही भूमिका
एसआई मदनलाल रावत, आरक्षक रामेश्वर पटेल, मांगीलाल मीणा, जितेन्द्र राठौर, संतोष पटेल, महेश मालवीय, रामसोनी, आदित्य, महिला आरक्षक रमा मंडलोई की भूमिका रही है।