थान्दला भाजपा में घमासान! गुटबाजी ने बढ़ाई संगठन की चिंता, आमने-सामने आए नेता

थांदला, अग्निपथ। “चाल, चरित्र और चेहरा” की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने ही नेताओं की गुटबाजी से परेशान है। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कड़े शब्दों में प्रदेशभर के भाजपा नेताओं को गुटबाजी से परहेज करने को कहा है, लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता संगठन की गाइडलाइंस के विपरीत व्यवहार में मस्त हैं। बात करें थान्दला मंडल की, तो यहाँ दो दिन में दो बार सार्वजनिक रूप से भाजपा की अंतर कलह सामने आई है।

चंद्रशेखर आज़ाद जयंती पर दो बार हुआ माल्यार्पण: गुटबाजी की खुली पोल!

पहली घटना 23 जुलाई की है, जिस दिन चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती थी। भाजपा सूत्रों की मानें तो यह वाक्या राष्ट्रभक्त आज़ाद की जयंती पर माल्यार्पण को लेकर गुटबाजी के रूप में सामने आया है। आज़ाद जयंती के अवसर पर थान्दला नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील पण्डा ने आज़ाद चौक पर मौजूद आज़ाद प्रतिमा पर माल्यार्पण की योजना बनाकर सभी जनप्रतिनिधियों को शाम 4 बजे माल्यार्पण के लिए आने की सूचना दी।

चर्चाओं की मानें तो भाजपा नेताओं में उक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक-दूसरे से संपर्क भी किया। पण्डा ने संगठन के लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक मंडल महामंत्री से भी संपर्क किया कि “आप भी मंडल में सूचना कर 4 बजे वाले कार्यक्रम में शामिल हों।” पण्डा ने व्यक्तिगत रूप से क्षेत्र में रह रहे प्रदेश पदाधिकारियों से भी कार्यक्रम में रहने का आग्रह किया।

जिसके बाद बताया जाता है कि यह बात मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर को नागवार गुजरी, क्योंकि नगर पंचायत चुनाव के बाद से ही बंटी डामोर, सुनील पण्डा को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते रहे हैं। ऐसे में बंटी ने आनन-फानन में 3 बजे आज़ाद प्रतिमा पर माल्यार्पण की सूचना सभी को भेज दी। जिसके बाद सभी लोग मंडल के निर्देश के बाद 3 बजे शामिल हुए, परंतु उस निर्देश को नपाध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि को नहीं भेजा गया।

ऐसे में शहर के बीचों-बीच स्थित आज़ाद प्रतिमा पर दो बार भाजपा नेताओं ने माल्यार्पण किया, जिसके दो अलग-अलग फोटो सोशल मीडिया में छाए रहे और लोग भाजपा की गुटबाजी को लेकर नगर में चटकारे लेते रहे।

पौधारोपण कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष की अनुपस्थिति पर जिलाध्यक्ष नाराज

23 जुलाई को हुई भाजपा की किरकिरी से नेताओं ने कोई सबक नहीं सीखा, और 24 जुलाई को नगर परिषद के पौधारोपण कार्यक्रम में यह गुटबाजी पुख्ता भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया के समक्ष ही हो गई।

दरअसल, गुरुवार को थान्दला नगर परिषद ने शहर के सौंदर्यकरण को लेकर अमृत मित्र पहल के तहत पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया और अनुसूचित जनजाति मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष कलसिंह भाभर भी मौजूद रहे। कार्यक्रम समाप्ति के बाद कलसिंह भाभर ने अपने फ़ोन से मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर को फ़ोन लगाया कि “आप इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए?” तो मंडल अध्यक्ष द्वारा सूचना नहीं होने की बात बताई गई। जिस पर भाभर ने कहा कि “आपके जिलाध्यक्ष यहाँ मौजूद हैं, आपको प्रोटोकॉल के तहत यहाँ होना चाहिए।”

जब बात भाभर से नहीं बनी, तो उन्होंने अपना फ़ोन जिलाध्यक्ष को दिया। जिलाध्यक्ष ने भी मंडल अध्यक्ष को कहा कि “आप यहाँ उपस्थित नहीं हैं?” ऐसे में मंडल अध्यक्ष के जवाब से असंतुष्ट नहीं होने पर जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने फ़ोन काट दिया और कहा कि “इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा।” यह वाक्या वहाँ मौजूद नगर के प्रतिनिधि, भाजपा नेता और वरिष्ठ मीडियाकर्मियों के सामने हुआ।

तब नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील पण्डा ने मोबाइल में पौधारोपण कार्यक्रम की सूचना और उसमें सम्मिलित होने वाले लोगों के नाम दिखाए, जिसमें मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर का नाम भी शामिल था।

ट्रेंचिंग ग्राउंड का मुद्दा भी गुटबाजी का शिकार

थांदला शहर की सबसे बड़ी ज्वलंत समस्या ट्रेंचिंग ग्राउंड है। पहले से बने ट्रेंचिंग ग्राउंड के समीप नवोदय विद्यालय बन जाने और ग्रामीणों को हो रही दिक्कत के चलते उसे वहाँ से हटाकर अन्य जगह शिफ्ट करना है। ऐसे में प्रशासन ने पहले तलावली और बाद में ग्राम मियाटी के समीप खुली पड़ी शासकीय भूमि पर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने के आदेश दिए, जिसके बाद ग्राम मियाटी में कचरा फेंका जाने लगा।

वहाँ पर सरपंच प्रतिनिधि कांग्रेसी था, तब तक सब सही चल रहा था। परंतु बंटी डामोर के मंडल अध्यक्ष बनने के बाद उस सरपंच प्रतिनिधि को मंत्री निर्मला भूरिया और भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया की मौजूदगी में भाजपा में शामिल करवाया गया, ताकि ट्रेंचिंग ग्राउंड का मुद्दा सुलझ जाए और नगर की यह समस्या समाप्त हो जाए। परंतु यह समस्या सुलझने के बजाय गुटबाजी के चलते और उलझ गई।

लोग चौराहे की चर्चा में कहते हैं कि इसी गुटबाजी ने नगर की इस समस्या में आग में घी डालने का काम किया, ताकि नगर परिषद की छवि को बट्टा लगाया जा सके।

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