उज्जैन, अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के जेलर के रूप में संतोष लडिय़ा ने गुरुवार को पुन: कामकाज संभाल लिया है। जेल में कथित प्रताडऩा की शिकायत के बाद दो महीने पहले उन्हें केेंद्रीय जेल भैरवगढ़ से भोपाल मुख्यालय में अटैच कर दिया था। तीन स्तरीय जांच में क्लीन चिट मिलने पर उन्हें दोबारा उज्जैन भेजा गया है।
गौरतलब है कि ङ्क्षझझर कांड में जेल में निरुद्ध एक महिला कैदी ने श्री लडिय़ा पर जेल में प्रताडऩा का आरोप लगाया था। इस शिकायत के बाद प्रताडऩा व धमकाने की दो और शिकायतें हुई थी। इस पूरे मामले के बाद 6 अगस्त २०२१ को श्री लडिय़ा को केंद्रीय जेल भैरवगढ़ से हटाकर भोपाल मुख्यालय अटैच कर दिया था। सभी शिकायतों की तीन स्तरीय जांच हुई जिसमें सभी शिकायतें झूठी पाई गई। क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हे पुन: भैरवगढ़ जेल का जेलर बनाकर उज्जैन भेजा गया है। गुरुवार को उन्होंने पदभार भी संभाल लिया।
श्री जडिय़ा ने बताया कि कुछ जेल से रिहा अपराधियों ने षड्यंत्र कर मेरी जो शिकायतें की थी, उनकी जांच तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग की, जिसमें सभी शिकायतें असत्य पाई गईं। शिकायत करने वाले दो अपराधी जेल में आ चुके हैं। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।