गुवाहाटी। बिहार विधानसभा चुनाव, मध्य प्रदेश उपचुनाव, हैदराबाद नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी का खराब प्रदर्शन असम की सत्ता के समेमीफाइनल कहे जाने वाले बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनाव में भी जारी रहा है। हालांकि यह चुनाव बीजेपी के लिए भी खुशी लेकर नहीं आया, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्थानीय पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी यहां भी कब्जा करने जा रही है।
40 सदस्यीय बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) पोल के नतीजों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। सत्तारूढ़ बोडो पीपुल्स फ्रंट (BPF) 17 सीटों पर जीतने वाली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 12 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा को नौ जबकि कांग्रेस और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) को एक-एक सीट पर जीत मिली है। एक चुनाव अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है। आपको बता दें कि प्रदेश में बीपीएफ के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली बीजेपी ने इस चुनाव में अलग होकर चुनाव लड़ी थी।
भाजपा और यूपीपीएल ने चुनाव से पहले किसी भी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों ने त्रिशंकु परिषद के मामले में संभावित चुनाव के बाद के समझौते का संकेत दिया है। यूपीपीएल के प्रमुख प्रोमोद ब्रह्मा दो सीटों गोराबारी और कोकिलाबाड़ी पर चुनाव जीते हैं। प्रोमोद ब्रह्मा, बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री हेमंत विश्व सरमा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंगलदोई के दिलीप सैकिया शनिवार देर रात तक गठबंधन पर विचार-विमर्श में लगे हुए थे। बीटीसी चुनाव और परिषद के गठन के संबंध में निर्णय के बाध गठबंधन की घोषणा होने की संभावना है। सरमा ने कहा कि इस फैसले की घोषणा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से चर्चा के बाद की जाएगी।
27 जनवरी को नई दिल्ली में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी चार धड़ों के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद काउंसिल का चुनाव हुआ था। अगले साल अप्रैल में होने वाले असम विधानसभा चुनाव में बीटीसी चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है।
बीटीसी का चुनाव कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी के चार जिलों को कवर करता है जो बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के अंतर्गत आता है। असम राज्य चुनाव आयोग ने नामांकन पत्रों की वापसी और 22 मार्च को उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार करने के बाद COVID-19 महामारी के कारण चुनाव को टाल दिया था।