आयुक्त के पास भेजा गया प्रस्ताव, मेंटल हेरासमेंट का दोषी पाया
उज्जैन, अग्निपथ। एमआईसी की बैठक में प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव का प्रकरण भी आया था, जिसमें तीन सदस्यीय जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की थी। जांच दल ने पीयूष भार्गव को मानसिक प्रताडऩा का दोषी माना था। यह जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद एमआईसी ने प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री भार्गव की सेवावृद्धि को हरीझंडी देते हुए आयुक्त नगरनिगम के पास प्रकरण को भेजा है।
प्रभारी कार्यपालन यंत्री संविदा पी.सी. यादव एवं पीयूष भार्गव की संविदा अवधि संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम उज्जैन ने 20-02-2025 से आगामी 01 वर्ष के लिए अवधि वृद्धि की अनुमति प्रदान की गई थीं। पत्र के अनुपालन में म.प्र. नगर पालिका संविदा (अनुबंध तथा सेवा की शर्ते) नियम 2021 के अनुसार म.प्र. नगर पालिक निगम 1956 की धारा 58 के अनुसार संविदा नियुक्ति हेतु मेयर इन काउंसिल नियोक्ता प्राधिकारी होने से पी.सी. यादव एवं पीयूष भार्गव की संविदा अवधि दिनांक 20-02-2025 से आगामी 01 वर्ष की वृद्धि किये जाने की सक्षम स्वीकृति हेतु संक्षेपिका तैयार कर निगम सचिव को पत्र किया गया था। जिसमें एम.आई.सी की स्वीकृति की प्रत्याशा में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। तपश्चात उक्त प्रकरण पुष्टि हेतु मेयर इन काउंसिल के समक्ष सम्मिलन में रखा जाने को कहा गया था।
दिनांक 17-03-2025 को श्रीमती निशा वर्मा उपयंत्री, नगर पालिक निगम उज्जैन के द्वारा पीयूष भार्गव प्रभारी कार्यपालन यंत्री संविदा के विरूद्ध लिखित शिकायती आवेदन पत्र जिसके संलग्न आडियों रिकार्डिंगस तथा व्हाटसप चैट स्क्रीनशॉट की छायाप्रति प्रस्तुत करते हुए श्री भार्गव पर सख्त से सख्त कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया था। श्रीमती निशा वर्मा उपयंत्री, के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के क्रम में जांच समिति गठित किया जाकर श्रीमती कृतिका भीमावत उपायुक्त को अध्यक्ष, श्रीमती आरती खेडेकर उपायुक्त को सदस्य तथा मनोज मौर्य उपायुक्त को सदस्य सचिव नामांकित कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया। जिस पर पीयूष भार्गव को विभिन्न आदेशों से आवंटित समस्त प्रभारों से मुक्त किया गया।
विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा
एमआईसी की बैठक में विचार विनिमय पश्चात सर्वानुमति से ठहराव किया गया कि प्रस्ताव में उल्लेखित अनुसार दिनांक 17-03-2025 से गठित जांच समिति के द्वारा नियमानुसार प्रकरण की सूक्ष्मता से जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन क्रं. 237 दिनांक 08-04-2025 से अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत किया गया जिसमें जांच समिति द्वारा उल्लेखित किया गया था कि प्रथम दृष्ट्या यह पाया गया कि पीयूष भार्गव प्रभारी कार्यपालन यंत्री (संविदा) नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा श्रीमती निशा वर्मा उपयंत्री नगर पालिक निगम उज्जैन को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया।
तत्संबंध में आयुक्त द्वारा बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि शिकायतकर्ता श्रीमती निशा वर्मा द्वारा उपरोक्त संबंध में पुलिस थाने में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है एवं कार्यवाही प्रचलित है। चूंकि थाने में कार्यवाही प्रचलित है, इस कारण जांच प्रतिवेदन का बंद लिफाफा संबंधित पुलिस थाना को भेजा जावें। उक्त के संबंध में पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्रवाई / निष्कर्ष या कोई न्यायालयीन आदेश हों तो, उस आदेश की प्रति मेयर इन कांडिसल के समक्ष प्रस्तुत करें। उपरोक्त संबंध में विधि सम्मत कार्रवाई की जाये।
मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया
महापौर द्वारा मेयर इन काउंसिल की स्वीकृति की प्रत्याशा में दी गई स्वीकृति की पुष्टि हेतु प्रकरण दिनांक 17-03-2025 को आयोजित माननीय मेयर इन कांउसिल की बैठक में प्रस्तुत किया गया जिस पर माननीय मेयर इन काउंसिल के द्वारा सर्वानुमति से ठहराव किया गया की प्रकरण अन्य सम्मिलन में प्रस्तुत किया जावे।
दिनांक 17-03-2025 से गठित जांच समिति के द्वारा नियमानुसार प्रकरण की सूक्ष्मता से जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें जांच समिति द्वारा उल्लेखित किया गया था कि प्रथम दृष्ट्या यह पाया गया कि पीयूष भार्गव प्रभारी कार्यपालन यंत्री (संविदा) नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा श्रीमती निशा वर्मा उपयंत्री नगर पालिक निगम उज्जैन को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया।