भोजन कार्यक्रम की सूचना भी सभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंचा सका मंदिर प्रशासन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दोपहर में होने वाली भस्मारती के बाद होने वाले महाकाल रिसेप्शन (पारणा) में कर्मचारियों की अनदेखी कर उनको अपमानित कर भोजन से उठा दिया गया था।
दैनिक अग्निपथ ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित कर कर्मचारियों के साथ किए गए दुव्र्यवहार को गलत बताया था। तभी से मंदिर में कर्मचारियों में मंदिर प्रशासन के प्रति आक्रोश पनपा हुआ था। शनिवार को मंदिर प्रशासन ने कर्मचारियों के लिए भोज का आयोजन कर उनका आक्रोश शांत करने का प्रयास किया।
महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 2 मार्च को दोपहर की भस्मारती के बाद महाकाल रिसेप्शन का आयोजन अन्न क्षेत्र में किया गया था। लेकिन इसमें मंदिर में सेवा देने वाले पंडे पुजारियों, पुलिसकर्मियों के साथ ही प्रशासन के आला अधिकारियों और उनके परिवारजनों को तो आमंत्रित किया गया, लेकिन मंदिर के कर्मचारियों को आने से मना कर दिया गया था।
यहां तक कि अन्न क्षेत्र के कर्मचारियों को भी भोजन तो दूर सेवा तक करने का मौका नहीं दिया गया था। कुछ कर्मचारी भोजन करने बैठे तो उनको उठा कर रवाना कर दिया गया था।
दैनिक अग्निपथ ने इस मामले को उठाकर कर्मचारियों के साथ हुए दुव्र्यवहार को पाठकों के सामने रखा था। इसके बाद मंदिर के कर्मचारियों में मंदिर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश पनपा हुआ था।
सभी को नहीं मिल पाई सूचना
शनिवार को मंदिर प्रशासन की ओर से वैदिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्था में कर्मचारियों के लिए भोज का आयोजन किया गया था। लेकिन इसमें कम संख्या में कर्मचारी पहुंचे। बताया जाता है कि संस्थान प्रमुख पीयूष त्रिपाठी द्वारा कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई थी जोकि कई कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाई थी। कई इसे स्थापना शाखा की गलती बता रहे हंै। भोज का समय दोपहर 1 से 4 बजे तक रखा गया था। ऐसे में ड्यूटीरत कर्मचारी भोजन करने नहीं पहुंच सके थे।