उज्जैन, अग्निपथ। होटल-रेस्टोरेंट्स, रहवासी संघ द्वारा शुक्रवार को किए गए मौन प्रदर्शन के बाद रात को निगम अमले ने पहुंचकर क्षेत्र में लगाए गए पोस्टर, बैनर और झंडे हटा दिए। स्थानीय हारफूल संचालकों द्वारा विरोध करने पर उन्होंने अधिकारियों से बात करने की बात कही, तब जाकर वह वापस लौट गए।
गुरुवार को महाराजवाड़ा भवन क्षेत्र का निरीक्षण करने आए कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा होटल रेस्टोरेंट रहवासी संघ के पदाधिकारी पं. राजेश त्रिवेदी और अनिल गंगवाल सहित अन्य व्यवसायियों को आगामी सोमवार को शाम 4 बजे मिलने का समय दिए जाने के बावजूद इनके द्वारा इसी दिन से विरोध प्रदर्शन किया जाने लगा था।
शुक्रवार को क्षेत्र में मौन जुलूस निकालकर हाथ में काले झंडे लेकर उनके द्वारा स्थानीय रहवासियों और व्यवसायियों को जगाने का काम किया गया। संघ के पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्र में बड़ी संख्या में बैनर पोस्टर और काले झंडे सडक़ों और प्रतिष्ठानों पर लगा दिए गए थे। शुक्रवार रात्रि में नगर निगम का अमला आया और उसने यहां पर लगे हुए पोस्टर बैनर और झंडे को निकाल लिया और अपने साथ ले गए। हालांकि इस दौरान हरफूल संचालकों के गुर्गो द्वारा विरोध किया गया, लेकिन अधिकारियों से जब उनके बात कराने की कोशिश की गई तो सभी किनारा कर गए।
कलेक्टर के आश्वासन को भी किया दरकिनार
गुरुवार को कलेक्टर, कमिश्नर महाराजवाड़ा भवन क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए आए थे। उस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह से संघ के पदाधिकारी पं. राजेश त्रिवेदी और अनिल गंगवाल सहित आधा दर्जन लोग मिले और उनके सामने मुख्यमंत्री के घोषणा संबंधी बात कहकर उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बारे में भी अपनी बात रखें, जिस पर कलेक्टर श्री सिंह ने स्पष्ट रूप से उनको मुख्यमंत्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग के आगामी सोमवार को शाम 4 बजे मिलने बुलाया था, लेकिन उसी दिन से संघ के पदाधिकारी जो कि कांग्रेस नेता भी हैं, उनके द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया। मु_ी भर कांग्रेसियों को छोड़ दें तो क्षेत्र का कोई भी व्यापारी या रहवासी उनके इस आंदोलन धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी महाकाल क्षेत्र विस्तारीकरण के पक्षधर हैं, जिनको बरगलाने का काम इनके द्वारा किया जा रहा है।
राजनीतिकरण के चलते संभवत: वीसी टली
पिछले दिनों सामाजिक न्याय परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे, जिन्होंने स्वयं संज्ञान लेकर महाकाल क्षेत्र में चल रही तोडफ़ोड़ रोकने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद फायदा उठाकर कांग्रेसी नेताओं ने क्षेत्र के लोगों को बरगलाने के लिए होटल रेस्टोरेंट रहवासी संघ बना लिया और इसके नाम से विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को झुकाने का प्रयास किया। संभवत इसी राजनीतिकरण की सूचना मुख्यमंत्री तक पहुंची और उन्होंने सीहोर में आयोजित किसान सम्मेलन में शिरकत कर वीसी को संबोधित करने का मौका टाल दिया।