आठ दिन पहले ही ग्रामीणों ने कर दिया था सचेत, फिर भी जल संसाधन विभाग धार के जिम्मेदार अधिकारी सोते रहे
बंदनवार में भी फूटा जल ससाधन का तालाब
धार। जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए जा रहे कारम डैम ने सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसकी वजह यह है कि 300 करोड़ के डैम को 50 घंटे से अधिक रेसक्यू ऑपरेशन के बाद भी देर रात फोड़ना पड़ा। कैनल बनाकर पानी निकाला जा रहा है। लेकिन रात में योजना सफल नहीं हो पाई तो काम रात 1 बजे रोक दिया गया। सुबह दोबारा कैनल को चौड़ा किया गया और अब पानी डैम से खाली होना जारी है।
उम्मीद है कि शाम तक डैम का पानी खतरे के नीशान से नीचे चला जाएगा। इधर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी भी बीती रात मौके पर पहुंचे थे। मंत्री चौधरी रातभर से डैम इलाके में मौजूद है। सुबह प्रभारी मंत्री चौधरी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट व उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने अधिकारियों के साथ डैम का निरीक्षण किया। साथ ही डैम में पानी की आवक करने वाली कारम नदी और सहायक नदियों का भी तीनों मंत्रियों ने दौरा किया है। हालात पर नजर बनाए रखी जा रही है। साथ ही डैम को खाली करने के लिए पानी निकासी जारी है
रात को किया काम बन्द सुबह बनाई केनल
ऱात में पानी निकासी के काम को झटका लगा तो काम बंद करना पड़ा। इसके बाद सुबह दोबारा कैनल को चौड़ा करने के लिए कवायद शुरू हुई। इसके बाद पानी दोबारा डैम से निकलना शुरू हो गया, जो अब भी जारी है। डैम में 295 मीटर तक पानी एकत्रित हो गया था, जिसे खाली होने में अभी वक्त लगेगा। सभी की नजर इस पर है कि पानी धीरे-धीरे निकल जाए। रौद्र रूप लेकर डैम न फूटे, यदि ऐसा होता है तो गांव जलमग्न होना तय है। लेकिन अभी स्थिति प्रशासन के नियंत्रण में है।
रात में बंद किया था एबी रोड
दरअसल इस पूरे रेसक्यू अभियान में सबसे बड़ी खामी यह देखने को मिली कि डैम को जिस तरफ से फोडऩे कर पानी निकालने की योजना थी, वह ऊंचाई पर है। इस कारण डैम से पानी नहीं निकल पाया। दोपहर 12.30 बजे पूरा काम रोक दिया गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शाम 7 से रात 12 बजे तक मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 का ट्रैफिक रोक दिया गया था। इस कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी रही और वाहन चालकों को काफी परेशान होना पड़ा।
पूछती जनता करवाई क्यो नही ?
305 करोड़ के डैम में दरार आने के बाद एक दिन तो उसे बन्द करने में लगा बाद में दरार आने सही नही हुई तो शुक्रवार सुबह से दिन रात एक कर डैम से पानी निकाल कर थोड़ी राहत दी मगर 4 दिन बाद भी लापरवाह ठेकेदार व अधिकारियों पर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की अब जनता प्रशासन से पूछ रही है कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही यह कही सवालों के गहरे में डाल रही है हर किसी की जुबान पर एक शब्द सवाल कही के करवाई क्यो नही लोगो दबी जुबान यह तक कह रहे है कि भष्टाचार हुआ है तो सब को मिला भी ह।
करवाई के नाम पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं वही जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उद्योग मंत्री राज्यवर्धनसिंह दत्तीगांव मौके पर हैं लेकिन वह की कुछ न कहते हुए बस एक शब्द के रहे है की अभी दोषियों पर करवाई करे या लोगों की जान बचाए। वही सस्पेंड कंपनी को दिया काम कोई यह बताने को तैयार नहीं है यदि बांध निर्माणाधीन ही था तो फिर इसे पूरा क्यों भरा गया ।10 किमी के कैचमेंट एरिया में जब जलस्तर बढ़ने लगा था तो बांध में नहर के लिए बनाए गए वॉल्व क्यों नहीं खोले गए निर्माण भी दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया गया है ।
डैम का वॉल हो गया जाम
डैम को फूटने से बचाने के लिए अंडरग्राउंड वॉल लगाया जाता है। लेकिन रेसक्यू के दौरान वॉल खोलने का काम शुरू हुआ तो वह भी जाम था। वॉल के 48 में से 24 नट ही खुल पाए। ऐसे में पानी निकासी नहीं हो पाई। कारम डैम बचाने पहुंचे बांध के एक्सपर्ट के अनुसार यदि वॉल खुल जाता तो पूरा पानी खाली हो सकता था और डैम फोडऩे की नौबत नहीं आती। डैम की हाईट भी एस्टीमेट अनुसार नहीं बनाई गई। मिट्टी की पाल को बनाने से पहले नींव तैयार करने में भी लापरवाही बरती गई। ऐसे में सीधे तौर पर जल संसाधन विभाग धार के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही सामने आई है, जिनके कार्यकाल में यह निर्माण हुआ।
फडने के बाद हीं निकला
चार दिन से लगातार काम करने के बाद भी सफलता नही मिली तो देर रात को फोड दिया बांध आखिरकार कारम क्योंकि 18 गांवों की 40 हजार लोगो की जिंदगियों का दाव पर लगीं थी 50 घंटे में छह पोकलेन मशीनें लगाकर लाख रुपए के खर्च कर बांध के किनारे नहर बनाई गई जो कि जिम्मेदार अधिकारी व लापरवाह ठेकेदारों के कारण उसे तोड़ना पड़ा व उससे अब पानी खाली कर रहे है
डेम में जनता की मोटी कमाई के 305 करोड़ रुपए का बांध पहली बारिश भी नहीं सहन नही कर पाया ओर लीकेज हो गया इसे पता लगता है कि प्रदेश की तरह से विकाश कर रहा है लीकेज ने भ्रष्टाचार की सारी हदे ही पर कर दी हैं
85 लाख का तालाब फूटा
सिंचाई विभाग द्वारा उद्योग मंत्री दत्तीगांव की विधानसभा के ग्राम पंचायत मुंगेला में बनाए जा रहे 85 लाख रुपए का तालाब फूट गया। बताया जा रहा है कि तालाब में पानी रोकने के लिए बनाई गई मिट्टी की पाल को पानी बहा ले गया। विभाग अब कह रहा है कि तालाब का काम 50 प्रतिशत पूरा हुआ था। सिंचाई विभाग के एसडीओ मयंकसिंह ने बताया निर्माण एजेंसी की गलती के कारण मिट्टी की पाल बही है। मिट्टी की दबाई ठीक से नहीं की। इस कारण रिसाव हुआ। इस तालाब के निर्माण में भी ग्रामीणों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाया था। लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने वक्त रहते ध्यान नहीं दिया।