आज से हुई जनक्रांति यात्रा की शुरुआत
पोलायकलां, अग्निपथ। इस साल होने वाले मप्र विधानसभा चुनाव में समय है परंतु धरातल पर जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव की तैयारियों के लिए सियासी बिछात तैयार होने लगी हैं। इस बार कालापीपल विधानसभा सीट में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों का घमासान देखने को मिलेगा। जनप्रतिनिधियों के दावे और प्रतिदावे अपनी अपनी जगह हैं। परंतु कहीं ना कहीं इस बार जहां भाजपा में उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है। वहीं पर कांग्रेस में भी अब मजबूत दावेदारी जताने के लिए यात्राओं की शुरुआत होने लगी।
एक तरफ जहां राहुल गांधी के द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के तहत कांग्रेस को जोडऩे की पुरजोर कोशिश की जा रही है वहीं पर कालापीपल विधानसभा के ग्राम तिलावद से आज पूर्व जिला पंचायत सदस्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चतुर्भुज तोमर ने जनक्रांति यात्रा की शुरुआत कर अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया है। और वह भी धरातल पर अपनी मजबूत दावेदारी पार्टी के सामने यात्रा के माध्यम से जताने लगे हैं। आज पत्रकार वार्ता आयोजित करके यात्रा की शुरुआत पूर्व जिला पंचायत सदस्य के द्वारा की गई ।
पार्टी के सामने रखेंगे मजबूत दावेदारी
पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को जानकारी देते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि मेरे द्वारा कांग्रेस पार्टी मैं बूथ लेवल से ले करके आज बड़े स्तर तक पार्टी के लिए कार्य किया है। और मैं पार्टी के सामने अपनी मजबूत दावेदारी रखूंगा इसके बावजूद भी अगर पार्टी के द्वारा कालापीपल विधानसभा की जनता की जन भावनाओं को अनदेखा करते हुए उनके स्वाभिमान के साथ में खिलवाड़ किया तो मैं जनता की भावना को देखते हुए निश्चित ही विधानसभा का चुनाव लडऩे के लिए तैयार रहूंगा।
15 जनवरी से 15 मार्च तक चलेगी यात्रा
2 माह तक चलने वाली कालापीपल विधानसभा में जनक्रांति यात्रा के माध्यम से 162 गांव का भ्रमण करेगी और इस यात्रा का 15 मार्च को समापन होगा लेकिन कहीं ना कहीं या यात्रा कांग्रेस के लिए मुसीबत लेकर के आई है। क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी के द्वारा विधानसभा में अपनी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। वहीं पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य के द्वारा अपनी दावेदारी जता कर कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ कर दी है।
क्योंकि दोनों ही उम्मीदवार खाती समाज से आते हैं। और कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में खाती समाज का 20त्न वोट बैंक है अगर ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही द्वारा खाती समाज पर ही अपना दांव लगाया जाता है। तो कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए यहां गले की हड्डी बन सकती है।