उज्जैन, अग्निपथ। बडऩगर रोड पर गंभीर नदी में गिरी कार में सवार परिवार के तीसरे व्यक्ति का शव सोमवार सुबह 9 बजे शुरु किये सर्चिंग अभियान के 3 घंटे बाद इंदौर से आये गोताखोरों ने खोज निकला। हादसा शनिवार-रविवार रात डेढ़ बजे के लगभग होना सामने आया था। रविवार दोपहर कार में सवार देवर-भाभी की लाश को स्थानीय होमगार्ड की टीम ने क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया था।
होमगार्ड डिस्ट्रिक कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि रविवार सुबह गंभीर नदी में कार गिरने की जानकारी के बाद एसडीआरएफ टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया था। दोपहर को कार और उसमें सवार 2 लोगों के शव बाहर निकाले गये थे। जिनकी पहचान देवर-भाभी अनुराग तिवारी और प्रियंका निवासी ग्राम सिरसिया जिला सीवान बिहार के रूप में हुई थी। परिजनों से संपर्क होने के बाद पता चला था कि कार में प्रियंका का पति अविनाश भी सवार था। तीनों कानपुर से बड़ोदरा जा रहे थे। 2 शव मिलने के बाद अविनाश की तलाश में रात 8 बजे से सर्चिंग की गई, नदी की गहराई 40 से 50 फीट की होने पर सफलता नहीं मिल पाई थी। सोमवार को इंदौर से एसडीआरएफ टीम के गोताखोरों की टीम बुलाई गई। जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सुबह 9 बजे नदी की गहराई में पहुंचकर सर्चिंग शुुरू की। जिसमें दोपहर 12:30 बजे के लगभग अविनाश का शव खोजकर बाहर निकाल लिया गया।
बडोदरा से जाना था औरंगाबाद
प्रियंका के पिता ने बताया कि अविनाश औरंगाबाद प्रायवेट कंपनी में इंजीनियर था। प्रियंका ने भी क प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की थी। नव बर माह में दोनों की शादी हुई थी। अविनाश और अनुराग दोनों कानपुर आये थे। जहां से प्रियंका को साथ लेकर बडोदरा के लिये निकले थे। अनुराग को भाई अभय के घर बडोदरा छोडक़र दोनों औरंगाबाद के लिये निकल जाते।
शाम को चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार
चिंतामण थाने के एसआई कनेश ने बताया कि मृतक अनुराग और अविनाश का भाई बडोदरा से और प्रियंका के परिजन कानपुर से रविवार रात उज्जैन पहुंच गये थे। सुबह अविनाश की तलाश में परिजन गंभीर नदी पहुंचे थे। शव मिलने के बाद तीनों का दोपहर में पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान परिजनों ने निर्णय लिया कि तीनों के शवों को 36 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। जिसके चलते अंतिम संस्कार यहीं किया जाएगा। घटना की खबर मिलने के बाद कुछ और परिजन आ रहे हंै। जिनका इंतजार किया जाएगा। शाम को सभी के आने पर चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार किया गया।