जिले में सबसे बड़ी जीत के साथ पण्ड्या ने बडऩगर क्षेत्र में सबसे बड़े अंतर का रिकार्ड तोड़ा

रुनीजा (बडऩगर), अग्निपथ। बडऩगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस सहित दो निर्दलीय उम्मीद्वारों के मैदान में होने से रोचक चुनाव में आखिरकार भाजपा के जितेंद्रसिंह पंड्या ने उज्जैन जिले की सातों सीटों में सबसे बड़ी जीत हासिल की। इतना ही नहीं अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निवर्तमान विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी मुरली मोरवाल को 36 हजार 693 वोटों से शिकस्त देकर पंड्या ने बडऩगर सीट पर अब तक के सबसे बड़े अंतर की जीत का रिकार्ड भी तोड़ा है।

इस सीट के परिणाम को लेकर जिले के साथ पूरे प्रदेश की नजर थी। इसका सबसे बड़ा कारण यह था पिछले चुनाव में जितेंद्र पंड्या को टिकट देने के बाद भाजपा ने विरोध के स्वर उठने पर प्रत्याशी बदल दिया था। वहीं इस बार कांग्रेस ने राजेंद्रसिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था लेकिन निवर्तमान विधायक मुरली मोरवाल के विरोध के बाद पार्टी ने प्रत्याशी बदलकर मोरवाल को टिकट दे दिया।

ऐसे में चर्चा थी कि मोरवाल अपनी कुर्सी बचा पाते हैं या पंड्या को जीत का ताज मिलता है। राजनीति चर्चा में कोई कांग्रेस के मोरवाल की जीत पक्की बता रहा था। कोई भाजपा के जितेन्द्र पण्डया कि। बडऩगर विधान सभा में 2 लाख 357 मतदाताओ में से 1 लाख 71 हजार 904 मतदाता ने मतदान किया।

3 दिसंबर को मतगणना में अंतिम राउण्ड के बाद पंड्या ने 36 हजार 693 मत से मोरवाल को पराजित कर जिले में सर्वाधिक वोट से जीत दर्ज की। उन्होंने साबित कर दिया कि पिछले चुनाव में उनका टिकट काटकर पार्टी ने बेवजह जीती बाजी हारी थी।

कितने बूथ पर किसको जीत

विधानसभा क्षेत्र के कुल 232 मतदान केंद्रों में से 175 केन्द्र पर पण्ड्या, 34 पर मोरवाल, 16 पर राजेन्द्र सोलंकी तथा 7 पर प्रकाश गौड़ ने जीत हासिल की। पण्ड्या ने पूर्व विधायक शान्तिलाल धबाई के सर्वाधिक 20 हजार 407 मत से जीतने के रिकार्ड को तोड़ एक नया कीर्तिमान बनाया।

बडऩगर सीट पर कब कौन जीता

  • वर्ष 1952 में डॉ. सवाईसिंह सिसौदिया (कांग्रेस) जीते।
  • 1957 में कन्हैयालाल मेहता (कांग्रेस) राम प्रकाश मल्होत्रा (निर्दलीय) से 5721 वोट से जीते।
  • वर्ष 1962 में राम प्रसाद मल्होत्रा (समाजवादी पार्टी) कन्हैयालाल मेहता (काँग्रेस) से 175 वोट से जीते।
  • वर्ष 1967 में कन्हैयालाल मेहता (भारतीय क्रांति दल) डॉ सवाई सिह सिसोदिया से 7841 मत से विजयी हुए।
  • वर्ष 1972 में अभय सिंह झाला (कांग्रेस), सावंत सिह राठौर भाटपचलाना (जनसंघ) 165 वोट से जीते।
  • वर्ष 1977 में जनता पार्टी से उदय सिंह पंड्या कांग्रेस के सदाशिव यादव से 13758 वोटो से विजय हुए थे।
  • 1980 में भाजपा से उदय सिंह पण्ड्या, कांग्रेस के सदाशिव यादव से 2072 मतों विजयी हुए।
  • 1985 में कांग्रेस से अभय सिंह झाला भाजपा के उदय सिंह पण्ड्या से 2794 वोट से जीते।
  • वर्ष 1990 में भाजपा से उदय सिंह पंड्या कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह सिसौदिया से 7633 वोटो से जीते।
  • वर्ष 1993 में सुरेंद्रसिंह सिसौदिया (काँग्रेस), उदय सिंह पंड्या (भाजपा) से 5365 मतों से जीते।
  • 1998 में कांग्रेस से वीरेंद्र सिंह सिसौदिया भाजपा के उदय सिह पण्ड्या से 7557 मतों से जीते।।
  • 2003 में भाजपा के शांतिलाल धबाई ने 20 हजार 407 मतों से वीरेंद्र सिंह सिसोदिया (कांग्रेस)को पराजित किया।
  • वर्ष 2008 में भाजपा से शांतिलाल धबाई ने मुरली मोरवाल को 5676 वोटो से हराया।
  • 2013 में भाजपा से मुकेश पण्ड्या ने कांग्रेस के महेश पटेल को 13135 मतों से हराया।
  • वर्ष 2018 में काँग्रेस से मुरली मोरवाल ने भाजपा के संजय शर्मा को 5381 मतों से शर्मा को हराया।

नव निर्वाचित जितेंद्र पण्डया का स्वागत किया

बडऩगर, अग्निपथ। भाजपा से विधायक उम्मीदवार जितेंद्र सिंह पण्डया का प्रचंड मतों से विजय प्राप्त करने पर विभिन्न संस्थाओं सहित क्षेत्रवासियों द्वारा पुष्पमाला से स्वागत किया जा रहा है। इसी कड़ी में किराना एसोसिएशन द्वारा सेवा सदन पर पण्ड्या का स्वागत किया गया। साथ ही मिठाई खिलाकर जीत की बधाई दी गई। इस अवसर पर श्री पंड्या ने एसोसिएशन का धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही व्यापारियों के हित में कार्य किये जाने की बात कही। स्वागत अवसर पर किराना एसोसिएशन के संजय बिलाला, लक्की गोधा, राहुल ओरा, सतीश विजयवर्गीय, जग्गु पोरवाल, सुशील शर्मा, राजु शाह, दीपक कल्याणी आदि उपस्थित थे।

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