खुमारी मिटाने में लगे अधिकारी श्रद्धालुओं के जल रहे पैर

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो चुका है। जिला प्रशासन के अधिकारी जहां एक ओर अपनी खुमारी मिटाने में लगे हुए हैं, वहीं श्रद्धालुओं के पैर दर्शन करने जाते वक्त जल रहे हैं। लेकिन पांडाल की व्यवस्था करना तो दूर शंख द्वार पर बिछी मैटिंग भी हटा ली गई है।

भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए छांव की व्यवस्था नहीं की गई है। चिलचिलाती धूप में नंगे पैर उनको अपने जूते-चप्पल लेने के लिए निर्गम गेट से शंख द्वार तक लंबी दूरी तय करना पड़ रही है।

महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासनिक कसावट का अभाव बना हुआ है। त्वरित कार्य करने के लिए अनुभवी प्रशासनिक अधिकारियों की कमी है। मार्च चल रहा है और अब सूर्य देव ने अपनी तीखी किरणों से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस भीषण गर्मी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निर्गम गेट पर बने जूता चप्पल स्टैंड पर श्रद्धालु इनको रखकर लंबी दूरी तय कर नंगे पैर शंख द्वार पर लगी लाइन मेें ंजाकर खड़ा हो रहा है। निर्गम गेट से शंख द्वार तक बिछाई गई मैटिंग को महाशिवरात्रि पर्व का समापन होने के बाद हटा लिया गया है। जिसके चलते उनके पैर जल रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशान बुजुर्ग और बच्चे हैं।

मैटिंग को नहीं किया जा रहा गीला

भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक मंदिर प्रांगण और शंख द्वार के अंदर बिछाई गई मैटिंग को गीला नहीं किया जा रहा। जबकि पिछले वर्ष लगातार इसको केएसएस कंपनी द्वारा गीला किया जाकर श्रद्धालुओं के पैर गर्मी से जलने से बचाए जाने का प्रयास किया जाता रहा। लेकिन इस बार संभवत: अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा है। जिसके चलते मैटिंग को गीला नहीं किया जा रहा। ऐसे में मैटिंग भी गर्म होकर श्रद्धालुओं के पैर जलने का कारण बन रही हैं।

नया जूता चप्पल स्टैंड शंख द्वार से दूर

महाशिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं के मद्देनजर शंख द्वार स्थित जूता चप्पल स्टैंड को बंद कर निर्गम गेट पर नया स्टैंड बना दिया गया था। ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन कर बाहर निकलने पर तुरंत ही उनकी चरण पादुकाएं मिल जाएं। हालांकि यह व्यवस्था अच्छी है। लेकिन दर्शन करने से पूर्व यहां पर श्रद्धालु को अपने जूता चप्पल उतारकर शंख द्वार तक की लंबी दूरी तय करना पड़ रही है। ऐसे में मैटिंग नहीं होने के कारण उसके पैर जल रहे हैं। यहां पर छांव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। शिवरात्रि पर की गई छांव की व्यवस्था को आनन फानन में हटा लिया गया।

शंख द्वार पर ही उतार रहे जूते चप्पल

भीषण गर्मी को देखते हुए श्रद्धालु निर्गम गेट पर स्थित जूता चप्पल स्टैंड पर अपनी चरण पादुकाएं नहीं उतार रहे हैं। शंख द्वार से लाइन में कतारबद्ध होने से पूर्व यहीं पर लगे बेरिकेड्स के पास श्रद्धालु जूते चप्पल उतार रहे हैं। वहीं निर्माल्य गेट के पास पैर धोने के लिए नल लगाए गए हैं। इसके पास ही उतार रहे हैं। ताकि शंख द्वार उनके नजदीक रहे। हालांकि पुलिस जवान और सुरक्षाकर्मी उनको ऐसा करने से रोक रहे हैं। लेकिन भीषण गर्मी को देखते हुए वह श्रद्धालुओं से कहने से बच रहे हैं।

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