यशवर्धन सिन्हा बने देश के मुख्य सूचना आयुक्त

दो माह से खाली पड़े पद पर नियुक्ति, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

नई दिल्ली। देश के मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के दो महीने से खाली पद पर शनिवार को पूर्व राजनायिक यशवर्धन सिन्हा ने जिम्मेदारी संभाल ली है। राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार सिन्हा ने सीआईसी  के रूप में नियुक्त किया है। वे सूचना आय़ोग में ही बीते पौने दो साल से बतौर आयुक्त काम कर रहे थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में श्री सिन्हा को पद की शपथ दिलाई। बिमल जुल्का द्वारा 26 अगस्त को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद दो महीने से यह पद खाली पड़ा हुआ था। 62 वर्ष की आयु के एक पूर्व राजनयिक, श्री सिन्हा, 1 जनवरी, 2019 को सूचना आयुक्त के रूप में शामिल हुए। सीआईसी के रूप में लगभग तीन वर्षों का कार्यकाल होगा। एक सीआईसी और सूचना आयुक्त की नियुक्ति पांच साल के कार्यकाल के लिए या जब तक वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते।

सिन्हा ने अपने राजनायिक सेवा के दौरान  यूनाइटेड किंगडम और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति द्वारा सिन्हा को इस पद के लिए सूचीबद्ध किया गया था। मोदी के अलावा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और गृह मंत्री अमित शाह पैनल के सदस्य हैं। सिन्हा के अलावा, पैनल में पत्रकार उदय माहुरकर, पूर्व श्रम सचिव हीरा लाल सामरिया और पूर्व उप नियंत्रक और महालेखा परीक्षक सरोज पुन्हानी को सूचना आयुक्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। तीनों को सिन्हा द्वारा पद की शपथ दिलाई जाएगी।

श्री माहुरकर, श्री समारिया और श्री पुन्हानी के शामिल होने से सूचना आयुक्तों की संख्या सात हो जाएगी। वर्तमान में केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आय़ुक्त के स्वीकृत 10 पदों की अपेक्षा चार ही सूचना आयुक्त हैं- वनजा एन सरना, नीरज कुमार गुप्ता, सुरेश चंद्र और अमिता पांडोव।

श्री माहुरकर एक प्रमुख मीडिया हाउस के साथ वरिष्ठ उप संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने गुजरात के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में स्नातक किया है।

तेलंगाना कैडर के 1985-बैच के IAS अधिकारी, श्री सामरिया सितंबर में श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

श्री पुन्हानी, एक भारतीय ऑडिट और लेखा सेवा (IAAS) 1984 बैच के अधिकारी, भारत सरकार में उप नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (मानव संसाधन और प्रशिक्षण) के रूप में कार्य किया।

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