नगर निगम ने पहली बार अपने संसाधन लगाकर करवाई नालों की सफाई
उज्जैन, अग्निपथ। बारिश शुरू होने से पहले शहर के 64 बड़े नालों की सफाई के काम में नगर निगम ने 44 लाख रूपए बचा लिए है। ऐसा पहली बार हुआ है जब नगर निगम ने अपने ही संसाधन और अपने ही कर्मचारी लगाकर सारे बड़े नालों की सफाई करवा दी। इस काम में केवल 4 लाख रूपए डीजल और एक एक्सकेवेटर किराए का ही अतिरिक्त खर्च आया है।
नगर निगम के निर्वाचित बोर्ड वाले कार्यकाल में हर साल वर्षाकाल से पहले नालों की सफाई के लिए 90 से 100 अतिरिक्त अस्थाई कर्मचारी लिए जाते है। शहर के 6 जोन और महाकालेश्वर, रामघाट क्षेत्र में 15-15 अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती कर इनसे नाला सफाई का काम करवाया जाता रहा है। इस काम के लिए हर साल 6 बैकहो लोडर(जेसीबी), 6 डंपर और 2 एक्सकेवेटर(पोकलेन) मशीन किराए पर लेकर यह काम करवाया जाता रहा है। इस काम में नगर निगम के हर साल करीब 50 लाख रूपए खर्च होते है।
पहले के सालों में कई बार अतिरिक्त कर्मचारियों की बिलिंग में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे है। इस साल नगर निगम ने अपने ही संसाधन और अपने ही लोगों से नाला सफाई का काम शुरू करवाया। अप्रैल महीने में ही 64 बड़े नालों की सफाई का अभियान शुरू करवा दिया गया था। नगर निगम के पास अपने करीब 2600 सफाई श्रमिक है। इनमें से महिलाओं को केवल सडक़ों की सफाई का जिम्मा दिया गया जबकि पुरूष कर्मचारियों को बारी-बारी से नाला सफाई के काम में लगाया गया।
वाहन किराए पर लेने के बजाए नगर निगम के पास मौजूद संसाधनों को ही नाला सफाई के काम में लगाया गया। केवल एक एक्सकेवेटर किराए पर लिया गया, जिसका तकरीबन ढाई लाख रूपए खर्च आया। नगर निगम उपायुक्त संजेश गुप्ता के अनुसार नाला सफाई के काम में नगर निगम का डीजल और एक्सकेवेटर किराए पर लेने का कुल खर्च 4 लाख 50 हजार से ज्यादा नहीं आया है। इस काम में नगर निगम ने करीब 44 लाख रूपए की बचत कर ली है।