सुसनेर, अग्निपथ। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में विधायक निधि से सुसनेर शासकीय अस्पताल के लिए खरीदे गए स्वास्थ उपकरणों में भ्रष्टाचार के मामले में रविवार को सुसनेर विधायक राणा विक्रम सिंह ने जल्द ही जिला कलेक्टर से मिलकर मामले की जांच करवाकर भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों पर करवाई करवाने की बात कहीं है। उन्होंने बताया कि अगर जरुरत पड़ी तो इस सम्बंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात कर उन तक यह बात पहुचाएंगे।
इस सम्बंध में मामले के सुर्खियों में आने के बाद विधायक राणा विक्रम सिंह ने स्वनिवास पर पत्रकारवार्ता का आयोजन कर यह जानकारी दी। इस दौरान समाचार पत्रों की खबरों में बीएमओ डॉ. मनीष कुरील की भूमिका को सन्देहप्रद बताए जाने की बात को भी विधायक राणा ने सत्य बताते हुए घोटाले के दस्तावेज उपलब्ध कराए है। विधायक राणा ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. समंदरसिंह मालवीय ने सामग्री खरीदने के लिए 25 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद अपनी मर्जी से बाजार भाव से तीन गुना अधिक भाव मेड्ड 31 लाख से अधिक की राशि की सामग्री की खरीदी की गई तथा उसका आधे से ज्यादा भुगतान करने के बाद विधायक राणा को भुगतान नहीं किये जाने की भ्रामक व असत्य जानकारी उपलब्ध कराई गई है। सामग्री में 3 लाख की पोर्टेबल एक्सरे मशीन खरीदी करना बताकर 1 लाख रुपये कीमत की नॉर्मल एक्सरे मशीन उपलब्ध कराई गई है और इसका भुगतान भी कर दिया गया है।
इस सम्बंध में विधायक राणा के द्वारा 26 मई को जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर शिकायत की गई थी। पत्रकारों के इस पत्र पर क्या कारवाई हुई के बारे में पूछे जाने पर विधायक ने मंगलवार को जिला कलेक्टर से मिलकर पूरे मामले में क्या कार्रवाई हुई यह जानकारी लिखित में लेकर दोषियों पर करवाई करवाए जाने की बात कहीं है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी जिनकी निधि की राशि है उन्हें ही गलत जानकारी दे रहे है तो कोविड की दो वर्ष की राशि मे पूरे जिले में कितना भ्रष्टाचार किया गया होगा। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
उल्लेखनीय है कि कोविड 19 की दूसरी लहर में मरीजो की सुविधा के लिए विधानसभा के अस्पतालों में स्वास्थ उपकरण खरीदने के लिए विधायक राणा द्वारा अपनी निधि से 25 लाख रुपये की राशि की अनुशंसा की गई थी जिसमेें जनप्रतिनिधियों की जागरूकता से खरीदी गई सामग्री में जिम्मदारों द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने की बात सामने आई थीं। मामला सामने आने के बाद 26 मई को विधायक ने जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा व जिले के कोविड प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की गई है।