उज्जैन,अग्निपथ। भाटपचलाना से एक सप्ताह पहले लापता हुए दोनों बच्चे मंगलवार को नागदा रेलवे स्टेशन पर मिल गए। दोनों भाइयों का अपहरण नहीं हुआ था। वह गलती से दूसरे खाते में साढ़े तीन लाख रुपए ट्रांसफर होने पर डरकर भाग गए थे।
ग्राम गजनीखेड़ा से राज उर्फ अंगेश्वर पांडे (15) मौसेरे भाई शिताशु मिश्रा (13) निवासी रुनिजा 26 मई को लापता हो गए थे। परिजनों द्वारा अपहरण की आशंका जताने पर पुलिस दोनों को तलाश रही थी। मंगलवार को उनकी लोकेशन कोटा की मिली थी। एएसआई सयैद सलामत अली वहां पहुंचे तो दोनों नहीं मिले और लोकेशन नागदा तरफ की मिली।
मालूम पड़ा दोनों अजमेर कोटा ट्रेन से मुबंई जा रहे हंै। टीआई संजय वर्मा की सूचना पर टीआई एससी शर्मा ने नागदा स्टेशन से राज व शिताशु को पकड़ लिया। उन्हें राज ने बताया कि वह मां के अकाउंट से उसके खाते में 3.50 लाख रुपए ट्रांसफर कर रहा था। गलती से अन्य खाते में रुपए जाने से डरने पर भागा था। शिताशु भी जबरन उसके साथ बड़ौदरा चला गया। याद रहे दोनों के भागने पर उनकी एक्टिवा रतलाम रेलवे स्टेशन पर मिली थी।
पुलिस भेजेगी सच
राज के बयान वीडियो रिकार्ड कर लिए, लेकिन पुलिस को उसकी बात पर भरोसा नहीं है। वजह है कि घर से भागने के बाद भी उसने मां के खाते से 60 हजार रुपए ट्रांसफर किए हंै और इसी राशि से दोनों भाई सात दिन तक घूमते रहे हंै। इसलिए पुलिस 3.50 लाख की कहानी का सच सायबर से निकालेगी।
वाट़सअप से खुद दे रहे थे धमकी
खास बात यह है कि राज के मोबाइल से उसकी मां संगीता के वाट्सअप पर दोनों भाइयों के अपहरण के मैसेज आ रहे थे। धमकाया जा रहा था कि दोनों का अपहरण कर लिया है और 6.7 करोड़ की तस्करी के बाद रिपोर्ट वापस लेने पर छोड़ देंगे। मैसेज से पुलिस को राज की साजिश का शक हुआ था।
गमी में भी फर्ज निभाया
उल्लेखनीय है कि भाटपचलाना टीआई वर्मा मातृ शोक में होने से अवकाश पर रहते हुए होशंगाबाद में है। बावजूद बच्चों को खोजने के लिए अधिकारी व टीम के संपर्क में बने रहे। यही वजह है दोनों के नागदा की ओर जाने का पता चलने पर उन्होंने टीआई शर्मा की मदद से उन्हें बरामद कर घर पहुंचा दिया।