नई दिल्ली, एजेंसी। सार्वजनिक मंचों पर अपनी ही पार्टी नेताओं द्वारा आलोचना झेलने के बाद कांग्रेस ने अब इसका काट ढूंढ लिया है। पार्टी नेतृत्व से लेकर संगठन चुनाव समेत कई मसलों पर जी-23 समूह द्वारा कांग्रेस की खुली आलोचनाओं के बाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक से पार्टी की आलोचना न करने का वचन मांगा है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता लेने वालों को यह हलफनामा देना होगा कि वह सार्वजनिक मंचों पर कभी भी पार्टी की नीतियों एवं कार्यक्रमों की आलोचना नहीं करेगा।
कांग्रेस के नए मेम्बरशिप फॉर्म में लिखा है, ‘मैं धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए सदस्यता लेता हूं। मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, खुले तौर पर या किसी तरह से पार्टी मंचों के अलावा, पार्टी की स्वीकृत नीतियों और कार्यक्रमों की प्रतिकूल आलोचना नहीं करूंगा।’ बता दें कि कांग्रेस का यह कदम उस संदर्भ में आया है, जिसमें जी-23 नेताओं ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुलकर पार्टी की आलोचना की और यहां तक कि पार्टी के भीतर चुनाव की मांग करते हुए संगठनात्मक ढांचे पर सवाल उठाया।
जी -23 के नेता कपिल सिब्बल ने सितंबर में कहा था कि पार्टी के नेता इस बात से अनजान हैं कि पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है, क्योंकि कोई अध्यक्ष नहीं है। उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि ये फैसले कौन ले रहा है। हम जानते हैं और फिर भी अभी तक नहीं जानते। वहीं, गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की तत्काल बैठक की मांग की थी। हाल ही में बैठक से पहले जी-23 नेताओं ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों, केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सदस्यों और संसदीय बोर्ड चुनावों के लिए चुनाव की मांग की थी।
देश की सबसे पुरानी पार्टी के सदस्यता संबंधी आवेदन-पत्र में और भी कईं शर्तें शामिल की गई हैं। इसके अनुसार, कांग्रेस की सदस्यता ले रहे लोगों को यह घोषणा करनी होगी कि वह कानूनी सीमा से अधिक संपत्ति नहीं रखेंगे और कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए शारीरिक श्रम और जमीनी मेहनत करने से नहीं हिचकिचाएंगे। पार्टी ने एक नवंबर से आरंभ हो रहे सदस्यता अभियान के लिए तैयार आवेदन-पत्र में 10 ऐसे बिंदुओं का उल्लेख किया है, जिसके बारे में सदस्य बनने के इच्छुक लोगों को अपनी स्वीकृति देनी होगी।
गत 16 अक्टूबर को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह फैसला किया गया था कि संगठनात्मक चुनाव से पहले पार्टी आगामी एक नवंबर से अगले साल 31 मार्च तक सदस्यता अभियान चलाएगी। इस आवेदन-पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी नये सदस्यों को यह संकल्प लेना होगा कि वे किसी भी तरह के सामाजिक भेदभाव की गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, बल्कि इसे समाज से खत्म करने की दिशा में काम करेंगे। इसके शपथ-पत्र में कहा गया है, ”मैं नियमित रूप से खादी धारण करता हूं, मैं शराब और मादक पदार्थों से दूर रहता हूं, मैं सामाजिक भेदभाव और असमानता नहीं करता, बल्कि इन्हें समाज से खत्म करने में विश्वास करता हूं और मैं पार्टी की ओर से दिए जाने वाले काम को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’