अतिथियों ने पहले प्रतिमाओं का अनावरण किया, फिर उपलब्धियां गिनाई

निर्धारित समय से तीन घंटे देरी से हुआ प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम

नागदा, निप्र। लंबे इंतजार के बाद शहर के प्रमुख चौराहों पर स्थापित की गई महापुरुषों की प्रतिमाओं का अनावरण हो गया। निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे देरी से हुए कार्यक्रम के तहत मुख्य अतिथि राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, वित्त मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने पहले महाराणा प्रताप, राजा जन्मेजय की प्रतिमा का अनावरण किया। फिर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण कर मंच पर पहुंचे।

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि राज्यपाल गेहलोत ने तीनों महापुरुषों के इतिहास और उनके मंत्री रहते हुए किए गए कार्यों का बखान किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय मंत्री तोमर ने समान रुप से तीनों महापुरुषों का इतिहास बताया।

कार्यक्रम को प्रदेश के वित्त मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री देवड़ा, सांसद अनिल फिरोजिया, महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान, पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, लालसिंह राणावत, असंगठित कामगार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुल्तानसिंह शेखावत, पूर्व नपाध्यक्ष अशोक मालवीय, नपा उपाध्यक्ष सज्जनसिंह शेखावत, भाजपा ग्रामीण के पूर्व मंडल अध्यक्ष महेश व्यास, भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला आदि ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में अभा क्षत्रिय महासभा की ओर से महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भेरुसिंह चौहान व चंद्रवंशी समाज की तरफ से समाज के राष्ट्रीय संस्थापक अंबाराम परमार भी बतौर अतिथि के रूप में मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन भाजपा मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल ने किया।

केंद्रीय मंत्री का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया

महापुरुषों की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर का अभा क्षत्रिय महासभा की महिला प्रदेश अध्यक्ष हेमलता तोमर ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। तोमर ने यह सम्मान अभा क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष सुरेंद्रसिंह तोमर (ग्वालियर) व अभा क्षत्रिय महासभा युवा के प्रदेश महामंत्री शिशुपालसिंह तोमर (मुरैना) के निर्देशानुसार प्रदान किया।

इस मौके पर चंद्रभानसिंह देवडा, मंजूकुंवर डोडिया, भरतसिंह सेंगर, राजेशसिंह पंवार, गौतमसिंह पंवार, कुशालसिंह सिकरवार, गजेंद्रसिंह राणा आदि मौजूद थे।

बौद्ध संतों के अपमान का आरोप

कार्यक्रम में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण के लिए अतिथि बनाए गए बौद्ध संतों के अपमान का विवाद पूरे समय चर्चा का विषय बना। भीम आर्मी का आरोप है कि प्रतिमा अनावरण के लिए प्रशासन की मंशाअनुसार अतिथि बनाए गए जिन बौद्ध संतों को वे रैली के रूप में लाए। मगर प्रशासन और नेताओं की लापरवाही के चलते उन्हें मंच पर उचित स्थान नहीं मिल पाया।

मंच की अग्रिम पंक्ति में सिर्फ भंते महाराज को स्थान दिया गया। जबकि उनके साथ आए बाकी तीन बौद्ध संतों को पीछे बैठने को कहा गया। साथ ही उनके लिए पानी व अन्य व्यवस्थाएं भी नहीं की गई। जिससे नाराज होकर संतों को मंच छोडक़र जाना पड़ा।

मंच छोडक़र निकले समाज के संत बाबा साहब की प्रतिमा के सामने पहुंचे। यहां उन्होंने समाजजनों को उपदेश दिए। फिर उन्हें समाज की धर्मशाला में ले जाकर उनकी सारी व्यवस्थाएं की गई।

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