ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में की छापामार कार्रवाई
उज्जैन, अग्निपथ। शिक्षा विभाग के एक लिपिक के यहां आय से अधिक संपत्ति होने का मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो (EOW) ने बुधवार को शहर के शासकीय महाराजबाडा क्रमांक 2 के लिपिक धर्मेंद्र के चौहान के घर छापामार कार्रवाई की।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि करीब ढाई दशक में कुल्लू 35 लाख रुपए वेतन पाने वाला लिपिक आलीशान बंगला, जमीन, स्कार्पियों, ट्रैक्टर और स्विफ्ट आदि का मालिक है। ये तो सिर्फ दिखने वाली संपत्ति है। ईओडब्ल्यू की छापेमारी के दौरान चौहान के घर से मात्र 34 हजार की नगदी मिली है। EOW ने प्रारंभिक संपति का खुलासा करते हुए कहा है कि लिपिक के घर से बेनामी संपति होने के रिकॉर्ड मिले हैं।
बुधवार सुबह उज्जैन EOW ने कार्रवाई की। शुरुआती तलाशी में ही शिक्षक के पास से करोड़ों की चल अचल संपत्ति मिली है। अंकपात मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कॉलोनी निवासी धर्मेद्र चौहान महाराज वाड़ा स्कूल क्रमांक 2 में लिपिक है। प्राथमिक जांच में चौहान के घर से नकदी तो मात्र 34 हजार रुपए मिले, लेकिन महालक्ष्मी कॉलोनी में आलीशान मकान, बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर, थ्रेशर मशीन, स्कार्पियों व स्विफ्ट कार के साथ यूको बैंक में लाकर का रिकार्ड मिल गया। इस पर टीम ने उसका सर्विस रिकार्ड खंगाला। पता चला धर्मेद्र के पिता अंतर सिंह शिक्षक थे। उनकी मौत के बाद धर्मेंद्र की 1994 में 750 रुपए वेतन पर अनुकंपा नियुक्ती हुई थी। अब तक उसे करीब 35 लाख रुपए वेतन मिला है।
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EOW को मिली जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र वर्ष 2005 से 2010 तक उज्जैन जिला पंचायत अध्यक्ष का पीए रहा है। बैनामी संपत्ति उसने उसी दौरान अर्जित की है। जांच के बाद संपत्ति के और भी रिकार्ड मिलने की उम्मीद है। शाम तक मामले में अधिकतर खुलासा हो जाएगा।
मारपीट के भी केस
EOW एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि लिपिक के घर छापे में बेनामी संपत्ति का रिकार्ड मिला है। लॉकर खुलने के बाद उसकी स्थिति का पता चलेगा। मामले में संबंधित पर अनुपातहीन केस दर्ज किया जाएगा। उस पर पूर्व में मारपीट के भी दो केस दर्ज है।