थांदला, अग्निपथ। पेट्रोल-डीजल की घटती बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को अब पेट्रोल-डीजल की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। देश के अन्य हिस्सों की तरह अंचल में भी पेट्रोल-डीजल की आपूति पर असर दिखाई दे रहा है। मांग और आपूर्ति का असर अब देश के महानगरों से होता हुआ अब क्षेत्र में भी हो रहा है। देश के अन्य राज्यो के साथ मध्य प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालक भी पेट्रोल डीजल संकट से परेशान दिखाई दे रहे हैं।
नगर में स्थित पेट्रोल पंपों को दो दिन से सात दिन कह अवधि डीजल पेट्रोल की आपूर्ति हो रही है, क्षेत्र में इन दिनों कृषि कार्यों के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दौर भी चल रहा है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल का संकट होना चिंता का विषय है। नगर में क्षेत्र क 6 पेट्रोल पंप है जिन पर प्रतिदिन पेट्रोल की खपत अनुमान 6 से 7 हजार लीटर है तो डीजल की खपत 20 से22 हजार लिटर प्रति दिन रहती है जिसकी पूर्ति के लिये पेट्रोल पंपों पर एक दिन छोडक़र पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति होती थी, किन्तु मौजुदा संकट की वजह से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति में एक सप्ताह तक का समय लग रहा है।
पेट्रोल-डीजल की आपूूर्ति में आई किल्लत की वजह से लोग खासे परेशान हैं और लोगों में किसी बड़े संकट की आशंका के चलते संग्रह की प्रवृति बढ़ रही है जिस वजह से भी पेट्रोल-डीजल की कमी बनी हुई है। पेट्रोल पंप पर वाहन चालको ंऔर सचांलकों में बहस की भी खबरे मिल रही है। पेट्रोल पंप संचालक चिराग घोड़ावत का कहना है कि पेट्रोल-डीजल का संकट रूस-यूकैन यु़़़द्ध के समय से बना हुआ है फिर भी संचालकों को पर्याप्त आपूर्ति की जा रही थी, किन्तु जून माह में किल्लत ज्यादा बढ़ गई है।
घोड़ावत का कहना है कि जून माह मे कृषि कार्य शुरू होने से प्रतिवर्ष इस समय डीजल की मांग बढ़ जाती है। वहीं पेट्रोल पंप सचंालक कैलाश सेहलोत ने बताया कि सरकार ने तेल कंपनियों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पत्र लिखा है जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद हैै। लोगों का मानना है कि खाड़ी देशों सेे भारत को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति बाधित होने से पेटोल डीजल का संकट उत्पन्न हो रहा है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि निजी कंपनियों और शासकीय कंपनियों के बीच पे्रटोल डीजल की कीमतों में अंतर भी वर्तमान परिस्थितियों की वजह है।