कई स्थानों पर मतदान नहीं कर सके, शेष चुनाव में क्या मिलेगा अधिकार?
उज्जैन/उन्हेल,अग्निपथ (संजय कुंडल)। निर्वाचन आयोग प्रचार प्रसार कर मतदान करने के लिए आमजन को जागरूक कर रहा है वहीं दूसरी ओर उज्जैन जिला निर्वाचन आयोग ने चुनाव इंतजाम के चलते गांव में तैनात कोटवार चौकीदार को इधर से उधर तैनाती करने में कई चौकीदार मतदान करने से वंचित रह गए।
आज हो रहे चुनाव में शेष बचे चौकीदार मतदान कर पाएंगे या नहीं इसका जवाब जिला निर्वाचन आयोग ही दे सकता है। 3 चरणों में उज्जैन जिले में चुनाव संपन्न होना है, दो चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसमें सैकड़ों चौकीदार मतदान करने से वंचित रह गए हैं। पूरे जिले में 13 सौ के लगभग चौकीदार हैं यह सब लापरवाही जिला मुख्यालय के एक आदेश के चलते हुई है जिसमें यह निर्देशित किया गया था कि संबंधित चौकीदार को अपने गांव से दूसरे गांव में तैनाती की जाए इस आदेश का पालन तो किया गया पर उन चौकीदारों को मतदान के लिए बैलेट पेपर की व्यवस्था जिले से लेकर स्थानीय प्रशासन बनाने में असफल हो गया।
इसी के चलते सैकड़ों चौकीदार मतदान करने से वंचित रह गए। यह चर्चा कोटवार संघ के अंदर काफी तेजी से चल रही है पर कोटवार संघ इस मामले को जिले से लेकर स्थानीय अधिकारियों के बीच उठाने में असफल हो गए जब यह जानकारी दैनिक अग्निपथ को लगी तो नागदा तहसील के अध्यक्ष राधेश्याम बोड़ाना से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह बात सत्य है इस बार हम मतदान करने से वंचित रह गए चौकीदारों का मतदान किए जाने का अधिकार छीनने वाले जवाबदार अधिकारियों पर जिला निर्वाचन आयोग को कार्यवाही करना चाहिए।
मानदेय का भी पता नहीं
प्रशासन की रीढ़ की हड्डी अंतिम छोर का चौकीदार ही होता है जब देहात में कोई भी मामला होता है तो सच्चाई तक पहुंचने के लिए कोटवार चौकीदार पर ही प्रशासन की नजर होती है और वही कोटवार इस बार चुनाव में मतदान से वंचित रहा नागदा कोटवार चौकीदार संघ के अध्यक्ष के अनुसार 2009 के चुनाव में मिलने वाला मानदेय नहीं मिला तब से संपन्न हो रहे 2022 के चुनाव तक मानदेय का प्रशासन के पास में कोई व्यवस्था नहीं होना भी सामने आ रही है
नागदा में 135 कोटवार मतदान से वंचित
1 जुलाई को नागदा तहसील में जिला पंचायत जनपद व सरपंच के चुनाव संपन्न हो चुके हैं नागदा तहसील के अंतर्गत लगभग 135 कोटवार चौकीदार जिनकी ड्यूटी अन्य गांव में लगाने के कारण मतदान करने से वंचित रह गए अब यह स्थिति महिदपुर में भी बनने वाली है। उपजिला निर्वाचन अधिकारी वीरेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि पंचायत स्तर पर डाक मतपत्र का कोई नियम नहीं है।