उच्च न्यायालय से जमानत के खिलाफ पुलिस ने लगाई थी याचिका
धार, अग्निपथ। 250 करोड़ (वर्तमान अनुमानित कीमत) की जमीन अफरा-तफरी मामले में फिर से गहमा-गहमी शुरु हो गई है। दरअसल इस मामले में उच्च न्यायालय से जमानत पर छूटे आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी हुए है। आरोपितों को जमानत मिलने के बाद पुलिस विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर स्पेशल लीव पिटीशन लगाई थी।
अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद सुपी्रम कोर्ट ने आरोपित पक्ष के लोगों को नोटिस जारी किए है। इनमें आरोपित अधिवक्ता विवेक तिवारी, शालिनी सुधीर दास सहित अन्य को नोटिस जारी होंगे। इस मामले में यदि दोनों पक्ष को सुनने के बाद सुप्रीमकोर्ट पुलिस पक्ष की ओर से रखे गए तर्कों से सहमत होती है तो संभवत: आरोपियों की जमानत भी निरस्त हो सकती है। अभियोजन पक्ष ने जमानत को लेकर बनाए गए आधार को चुनौती दी थी। सूत्रों की माने तो इस मामले में जमीन दान की होने की जानकारी ना होने जैसी दलीले कोर्ट में देकर जमानत करवाई गई थी।
कोर्ट में कुर्की पर भी होना है सुनवाई
जमीन अफरा-तफरी मामले में धार कोतवाली पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद से अभी तक 30 के लगभग लोगों को आरोपित किया जा चुका है। 4 मुख्य आरोपितों में शामिल 1 आरोपी सुधीर शांतिलाल पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा है। वहीं उनकी पत्नी भी फरार घोषित की गई है। इनकी संपत्ति कुर्की की कार्रवाई के लिए धारा 83 के तहत कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में आवेदन भी लगा रखा है। अब तक इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपित अधिकांश आरोपी जमानत ले चुके है।
दास दूसरे मामले में जेल में बंद
जमीन घोटाले का मास्टर मार्इंड सुधीर पिता रत्नाकर दास उर्फ बनी दास फिलहाल दान की ही 50 करोड़ की दूसरी जमीन की अफरा-तफरी मामले में जेल में बंद है। दास को 250 करोड़ की जमीन घोटाले मामले में तिवारी एवं अन्य आरोपितों के बाद जमानत मिली थी। इधर पुलिस ने श्री तिवारी एवं अन्य को जमानत मिलने के बाद सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी दायर की थी। इसके कारण दास को मिली जमानत फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के नोटिस दायरे में शामिल नहीं है।
अब तक का सबसे बड़ा चालान
इस जमीन घोटाले की जांच के लिए पुलिस ने काफी मशक्कत की है। डीएसपी यशस्वी शिंदे सहित सीएसपी देवेन्द्र धुर्वे, कोतवाली थाना प्रभारी समीर पाटीदार सहित पुलिस की पूरी टीम जुटी थी। इस मामले में अब तक का सबसे बड़ा चालान बनाया जा रहा है। करीब 3 हजार पृष्ठों के लगभग चालान रहेगा। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इसमें लोगों की गिरफ्तारी के साथ केस को पुख्ता करने के लिए साक्ष्य एकत्रित किए है।