प्रीपेड यातायात बूथ से बड़ा गणेश मंदिर तक भीड़ का सैलाब, महाकालेश्वर मंदिर के अंदर भी यही हाल
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिये रविवार को देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। मंदिर के बाहर से लेकर अंदर भी रेलमपेल की स्थिति बनी हुई थी। किसी भी तरह से श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिये बेताब दिखे। यही हाल अमूमन हर प्रवेश द्वार पर दिखाई दे रहा था। 1500 जलाभिषेक श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती देखकर महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दोपहर में गर्भगृह में तय संख्या से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन करवा कर भीड़ को समाप्त करवाया।
1500 जलाभिषेक रसीदधारी श्रद्धालुओं की संख्या रविवार को भी काफी अधिक थी। विश्रामधाम में श्रद्धालु खचाखच भरे हुए अपनी बारी की प्रतिक्षा करते रहे। उनको भी लगभग 5 से 6 घंटे में भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने को मिला। दोपहर तक भीड़ का न छंटता देखकर मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में 15 की जगह 35 से 40 श्रद्धालुओं को छोडऩा प्रारंभ किया। इसका असर देखने को मिला। शाम 4 बजे तक विश्रामधाम में लगी भीड़ छंटना प्रारंभ हो गई थी। हालांकि चहूओर भीड़ का आलम दिखाई दे रहा था।
गणपति मंडपम में लाइन जाम
बड़ा गणपति मंडपम में भीड़ के सैलाब को आगे निकालने के लिये यहां पर न तो मंदिर का कर्मचारी और न ही पुलिस या सुरक्षाकर्मी नजर आ र हा है। भगवान भरोसे श्रद्धालुओं को रविवार को छोड़ कर रखा गया था। भीड़ आराम से अपने मनमुताबिक दर्शन कर आगे बढ़ रही थी। यहां पर इसको मैनेज करने वाला कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था।
बड़ा गणपति तक सडक़ ठसाठस
बड़ा गणपति मंदिर के सामने की सडक़ पर बेरिकेड़स लगा दिया गया है। प्रीपेड बूथ से आने वाली और 5 नंबर गेट से निकलने वाले श्रद्धालुओं का यहां से आवागमन लगा हुआ है। हरसिद्धि मंदिर की ओर से आने वाले श्रद्धालु भी यहां तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां पर भीड़ का लंबा सैलाब उमड़ रहा है। दोपहिया और चौपहिया वाहनों के आगवागमन पर पहले से ही यहां पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद लोग अपने वाहन इस सडक़ पर खड़ा कर रहे हैं।
बाबा की कुटिया का हो रहा निर्माण
अन्नक्षेत्र को कभी भी जमींदोज किया जा सकता है। यहां के परिसर में स्मार्ट सिटी द्वारा सडक़ बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। एमपीईबी ग्रिड के पास से सडक़ की खुदाई भी कर दी गई है। सडक़ के एक ओर एक कमरा बना हुआ है। यहां पर टाइल्स लगाने का काम चल रहा है। यहां पर एक साधु निवास करते हैं। जिनकी कुटिया को जमींदोज करना है। लिहाजा उनको वैकल्पिक व्यवस्था रहने के लिये की जा रही है।