उज्जैन, अग्निपथ। जल संकट के मुहाने पर खड़े शहर में संभवत: एक दो दिन में ही एक दिन छोडक़र जल प्रदाय शुरू हो जाएगा। गुरूवार को महापौर निवास पर होने वाली बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाए जाने की पूरी संभावना है।
गंभीर बांध में फिलहाल लगभग 600 एमसीएफटी पानी शेष है। डेड स्टोरेज को छोडक़र शेष पानी को लगभग 60 दिन चलाया जा सकता है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेंगी और जमीन सूखने लगेगी गंभीर में पानी भी दो गुनी तेजी से कम होगा। ताजा हालात को देखते हुए नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह द्वारा लगभग 15 दिन पहले ही महापौर परिषद को एक दिन छोडक़र जल प्रदाय किए जाने का प्रस्ताव भेज दिया गया था।
इस प्रस्ताव के आने के बाद महापौर परिषद के सदस्य पीएचई अधिकारियों के साथ गंभीर बांध का दौरा भी कर चुके है। महापौर मुकेश टटवाल ने गुरूवार की सुबह 11 बजे अपने निवास पर महापौर परिषद के सदस्यों और पीएचई अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में एक दिन छोडक़र जल प्रदाय करने के फैसले पर मुहर लग सकती है, इसके अलावा शहर में पानी सप्लाय के अन्य विकल्पों पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।
ऑफिस की कुर्सियों से हटेंगे आउटसोर्स वाले; महापौर ने निगम आयुक्त से कहा, छंटनी करो और मूल काम पर भेजो
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के लिए निजी कंपनियों के जरिए आउटसोर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों की जल्द ही छंटनी हो जाएगी। आउटसोर्स के कई ऐसे कर्मचारी है जो अपने संपर्को के जरिए नगर निगम के कई विभागों में जमकर बैठ गए और उनका मूल काम नहीं कर रहे है। महापौर ने ऐसे कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा है।
नगर निगम में सैकड़ो आउटसोर्स कर्मचारी है। अनुबंधित फर्मो के जरिए नगर निगम के कामकाज से जुडे आउटसोर्स के कई कर्मचारी अपने निजी संबंधो के जरिए नगर निगम के अलग-अलग विभागों में अटैच हो गए है और सफाई कर्मचारी, श्रमिक, गैंग मेन आदी के रूप में काम कर रहे है। महापौर मुकेश टटवाल ने हाल ही में एक पत्र लिखकर आयुक्त रोशन कुमार सिंह को ऐसे कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन करने और उनसे उनका मूल काम ही करवाने को कहा है।
महापौर ने कहा है कि जो आउटसोर्स कर्मचारी मूल काम नहीं कर रहा है, उसे तत्काल हटा दिया जाए, जिससे कि नगर निगम पर आर्थिक बोझ कम हो सके।