उज्जैन, अग्निपथ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश की तीन विभूतियों को प्रदर्शन कला के क्षेत्र में आजीवन योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार प्रदान किया। विज्ञान भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में किरण सदाशिव देशपांडे को वाद्य संगीत के क्षेत्र में, चुन्नीलाल रैकवार को लोक संगीत के क्षेत्र में और उज्जैन के भगवतीलाल राजपुरोहित को प्रदर्शन कला में विद्वत्ता के लिए सम्मानित किया गया।
उपराष्ट्रपति ने विजेताओं को ताम्र-पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं। प्रदेश के एक अन्य विजेता श्री हीरा सिंह बोरलिया अलंकरण समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि श्री भगवतीलाल राजपुरोहित को भारतीय रंगमंच में विद्वत्ता के लिए सम्मानित किया गया। इन्होंने मालवी संस्कृति और साहित्य सहित 100 से अधिक पुस्तकों और 50 से अधिक नाटको की रचना की है। इनके नाटक कालिदास चरित्रम का संस्कृत, हिंदी और मालवी में मंचन हुआ है। वे 10 वर्षों तक विक्रमादित्य शोधपीठ, उज्जैन के निदेशक और 38 वर्षों तक सांदीपनि आश्रम, उज्जैन में हिंदी, संस्कृत और प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं।
हीरा सिंह बोरलिया को मालवी लोक संगीत में योगदान के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वे उज्जैन के माधव संगीत महाविद्यालय में संगीत शिक्षक और आकाशवाणी में कलाकार और ऑडिशन समिति के सदस्य रहे हैं। इन्होंने मालवा के भजन नामक पुस्तक की रचना की है। इनकी संकलित पुस्तक मालवा लोक संगीत को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इन्होंने मालवा लोक संगीत पर शोध और विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत की प्रदर्शन कला क्षेत्र के ऐसे 84 वरिष्ठ कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार प्रदान किया गया, जिन्हें अभी तक कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं प्राप्त हुआ है। पुरस्कार विजेताओं द्वारा 16 से 20 सितंबर, 2023 तक संगीत नाटक अकादमी परिसर में आयोजित कला महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन किया जाएगा।