अगले चार माह मेें बनाने की तैयारी, पुरातत्व विभाग की आयुक्त ने किया निरीक्षण
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में खुदाई के दौरान निकले एक हजार वर्ष पुराने मंदिर को दोबारा बनाये का काम जल्दी शुरू होने वाला है। यह मंदिर करीब 37 फीट ऊंचा बनाया जायेगा और अगले चार महीने में इसका काम पूरा करने की योजना है।
पुरातत्व विभाग के चार सदस्यीय दल ने पिछले सप्ताह मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञ की देखरेख में खुदाई कार्य कर करीब एक हजार साल पुराने मंदिर के पुरा अवशेष के वर्गीकरण का काम हो चुका है। पिछले सप्ताह पुरातत्व विभाग की आयुक्त ने निरीक्षण कर तकनीकी पहलुओं की जानकारी लेकर निर्देश दिए हैं।
65 लाख रुपए की मिल चुकी है स्वीकृति
पिछले सप्ताह पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय की आयुक्त उर्मिला शुक्ला ने महाकाल मंदिर पहुंचकर प्राचीन मंदिर के निर्माण की जानकारी ली है। मंदिर के तकनीकी पहलुओं पर निर्देश दिए है। इस दौरान भोपाल के पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव, पुरातत्व विभाग इंदौर के उप संचालक प्रकाश परांजपे, त्रिवेणी संग्रहालय के संग्रहाध्यक्ष योगेश पाल और पुरातत्व विभाग के उपयंत्री पुष्पेंद्र रोकड़े मौजूद थे। बता दें कि प्राचीन मूल स्वरूप में मंदिर निर्माण के लिए पुरातत्व विभाग ने अनुमानित करीब 65 लाख रूपए की स्वीकृति दी है। राजस्थान व अन्य स्थानों से पुरातत्व विभाग में कार्य करने वाले विशेषज्ञ कारीगर निर्माण कार्य करेंगे।
प्राचीन शिव मंदिर जुलाई तक पूर्ण करने के प्रयास
पुरातत्व विभाग भोपाल के अधिकारी का कहना है कि पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ की देखरेख में इस स्थान से मिले स्तंभ, कुंभ भाग, आमलक आदि के अवशेष का वर्गीकरण के बाद नंबरिंग भी हो चुकी है। जिससे निर्माण के दौरान जो भाग जहां का है वहीं स्थापित किया जा सके। पुरातत्व विभाग अब आधार भाग से शिखर तक के हिस्सों को जोडक़र प्राचीन स्वरूप में ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ करेगें। प्राचीन मंदिर निर्माण में करीब 95 प्रतिशत पुराने पत्थरों का उपयोग होगा। जिस स्थान से पत्थर क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं नए पत्थरों का उपयोग किया जाएगा। डॉ. यादव ने कहा कि प्रयास है कि जुलाई महीने तक करीब 37 फीट ऊंचाई वाले शिव मंदिर का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा।
हजार साल से अधिक पुराना शिवलिंग भी निकला है यहां
मंदिर की खुदाई के दौरान यहां से 1 हजार साल पुराना शिवलिंग भी निकला है। अभी होली के कुछ दिनों पहले यहां हुई खुदाई में कुछ और भी प्राचीन प्रतिमाएं निकली थी। सभी प्रतिमाओं को भी यहां संभाल कर रखा गया है।
खुदाई के दौरान निकला था प्राचीन मंदिर, अवशेषों की हो चुकी हैं नंबरिंग
श्री महाकालेश्वर मंदिर में नए निर्माण कार्य के लिए करीब 25 से 30 फीट की खुदाई के दौरान मिट्टी में दबे प्राचीन मंदिर के पुरा अवशेष प्राप्त हुए थे। जानकारी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी डा. धु्रवेंद्रसिंह जोधा को पुरातत्व विधि से खुदाई कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।
विशेषज्ञों की देखरेख में इस स्थान से मिले स्तंभ, कुंभ भाग, आमलक आदि के अवशेषों का वर्गीकरण के बाद विभाग ने इन पुरा अवशेष पर नंबरिंग भी है। पुरातत्व विभाग अब आधार भाग से शिखर तक के हिस्सों को जोडक़र प्राचीन स्वरूप में ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ करने के पहले सफाई कार्य जनवरी में शुरू किया था।