उज्जैन, अग्निपथ। अब सरकारी स्कूलों में भी 3 साल की उम्र से बच्चों की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के तीन हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में नर्सरी क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है, जिसमें तीन साल या अधिक उम्र के बच्चों को एडमिशन दिया जा सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिन विद्यालयों में नर्सरी क्लासेस शुरू करने का फैसला किया है वहां एडमिशन वाले विद्यार्थियों का कोटा भी तय कर दिया गया है।
प्री प्राइमरी एजुकेशन के अंतर्गत स्कूलों में एडमिशन को लेकर यह निर्देश प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को दिए हैं। इसमें कहा है कि वर्ष 2024-25 सत्र के लिए समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना में 3061 विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने की स्वीकृति शासन ने दी है। पहले पांच जिलों भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर, सागर और शहडोल के 1415 विद्यालयों में केजी 1 और केजी 2 कक्षाएं सत्र 2019-20 से संचालित की गई थीं।
इन स्कूलों में भी अब इन कक्षाओं के साथ 3 से 4 साल की उम्र वर्ग के बच्चों के लिए नर्सरी कक्षाएं संचालित किया जाना है। इसके लिए एडमिशन प्रक्रिया 15 जून 2024 से शुरू की जाएगी।
कलेक्टर स्कूलों में कराएंगे इंतजाम
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसको लेकर जारी निर्देश में कहा है कि कलेक्टरों की जिम्मेदारी यह है कि वे चिह्नित विद्यालयों के कमांड क्षेत्रों में 3 से 6 साल की उम्र वर्ग के बच्चों को चिह्नित करा लें। कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए स्कूल में टाट पट्टी, पीने का पानी और शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। जिस विद्यालय में एडमिशन दिया जाना है वहां कम से कम दो कक्षों में प्रवेश पाने वाले बच्चों की क्लास संचालन की सुविधा हो और बाहर खेलने के लिए मैदान पर्याप्त जगह वाला हो।
शिक्षक 52 साल से अधिक उम्र का न हो
नर्सरी क्लास में पढ़ाने के लिए शासन ने शिक्षकों की उम्र का क्राइटेरिया भी तय कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जिन स्कूलों में एडमिशन दिया जाना है, उसमें हर स्कूल में कम से कम दो अलग शिक्षकों का इंतजाम होना चाहिए। शिक्षक-शिक्षिका की उम्र 52 वर्ष से कम हो। शिक्षक बच्चों के साथ स्कूल एक्टिविटी करने में सक्षम हों और रुचि रखते हों। प्री प्राइमरी क्लास में पढ़ाने का अनुभव हो। चयन में महिला शिक्षिका को प्राथमिकता दी जाए।