सिंहस्थ के पहले एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जाना है उज्जैन स्टेशन, अभी तक ड्राइंग को ही मंजूरी नहीं मिली
उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ के पहले उज्जैन रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह विकसित करने की योजना पर रेलवे बोर्ड की अनुमति नहीं हो पाई है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह महीने पहले ही योजना का भूमिपूजन कर चुके हैं।
उज्जैन रेलवे स्टेशन सहित इंदौर, नागदा, खाचरौद आलोट रतलाम मंडल के 11 रेलवे स्टेशनों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 माह पहले वर्चुअली जुडक़र भूमि पूजन किया था जिसके बाद उज्जैन को छोडक़र सभी स्टेशनो का कार्य शुरू हो चुका है। उज्जैन रेलवे स्टेशन का कार्य ड्राइंग की वजह से रुक गया है। जबकि आगामी 2028 सिंहस्थ से पहले स्टेशन की सूरत बदलना जरुरी है। उज्जैन स्टेशन को आगामी दो वर्षों में एयरपोर्ट की तरह भव्य और सुविधाओं से लेस बनाया जाना था लेकिन स्टेशन के प्लान में बदलाव की वजह से देरी हो गई है। पूरे जिले के सभी रेलवे स्टेशनों के काम तेजी से चल रहे पहले उज्जैन को त्रिनेत्र के रूप में डवलप करने का विचार था लेकिन कुछ दिक्कत की वजह से निरस्त करना पड़ा अब , नया प्लान बनाया गया है। प्लान रेलवे बोर्ड में गया है वहां से अप्रूवल होने के बाद जल्द ही कार्य शुरू होगा।
काम होने के बाद बदला-बदला नजर आयेगा स्टेशन
देश के 554 रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने के लिए पीएम मोदी 6 माह पहले वर्चुवली लोकार्पण और शिलान्यास किया था। पीएम ने उज्जैन रेलवे स्टेशन के लिए 421 करोड़ रुपए के कार्यों का शिलान्यास किया था। उज्जैन स्टेशन पर यात्रियों को कई सुविधाएं मिल सकेगी। जिसमें यात्री के लिए कैफेटेरिया, मनोरंजन सुविधा के लिए विशाल रूफ प्लाजा होगा।
शहर के दोनों किनारों पुराने शहर व फ्रीगंज को रेलवे ट्रैक के दोनों ओर स्टेशन भवनों के साथ स्टेशन से जोड़ा जाएगा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह, स्थानीय उत्पादों के लिए जगह आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी,स्टेशन को आरामदायक, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के अलावा लिफ्ट, एस्कलेटर लगाए जाएंगे।
ग्रीन बिल्डिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। दिव्यांगजन को अनुकूल सुविधाएं देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आगमन-प्रस्थान का मार्ग अलग-अलग करने के साथ ही सभी सुविधाओं से लैस प्लेटफार्म बनाए जाएंगे।सीसीटीवी कैमरों के लिए अलग कमांड और कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।