बदनावर, अग्निपथ। नगर में महाकाल मंडल के तत्वावधान में सोमवार रात निकाली गई आखिरी शंकर सवारी में सात झांकियों एवं पांच अखाड़ों में पहलवानों के करतबो को हजारों लोगों ने जीभर कर निहारा। दोपहर में हुई बारिश के बाद रात में मौसम खुला होने से सवारी मार्ग पर जबरदस्त भीड़ रही। दर्शक एक से बढक़र एक आकर्षक झांकियों को देर तक देखते रहे। मंगलवार सुबह 5 बजे पिपलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर आरती के बाद झांकियों के चलसमारोह का समापन हुआ।
इस बार मित्र मंडल के जयदीपसिंह पंवार जिम्मी बना की ओर से पहली बार झांकी का निर्माण किया गया। महाकाल मंडल, दुर्गा मित्र मंडल, सरस्वती मित्र मंडल, नवयुवक मंडल, बाबा अमरनाथ भक्त मंडल एवं पंढरीनाथ भक्त मंडल ने झांकियां बनाई थी। इसी तरह श्रीगणेश व्यायाम शाला, धर्मराज बजरंग व्यायामशाला, सियाजीत हनुमान अखाड़ा, चमत्कारी कंठीवाले हनुमान अखाड़ा, एवं एकलव्य व्यायामशाला में युवको ने अपने शारीरिक कला कौशल से दर्शकों को वाह-वाह करने के लिए बाध्य कर दिया।
अपने सजे धजे रथ में भगवान शंकर के दर्शन करने के लिए भी रात भर लोग रथ के सामने गुजरते रहे। संगम बैंड की ओर से सुमधुर भक्ति धुने बजाई गई। मास्टर रमेशचंद्र गन्धर्व ने बताया कि इस बार राजस्थान व गुजरात से बैंडवादकों को बुलाया गया था।
झांकी और अखाड़ों का नगर परिषद, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, योगेश मुकाती मित्र मंडल, जिमी बना मित्र मंडल, भागीरथ ग्रीन आदि ने मंच लगाकर स्वागत व सम्मान किया।
बैजनाथ भक्त मंडल की ओर से 20वें वर्ष में लगातार गरमागरम पोहा वितरण किया गया।महादेव भक्त मंडल ने बस स्टैंड पर चाय प्रसादी बांटी। मंडल का यह नौवां साल था। बैजनाथ महादेव मंदिर के सेवकों द्वारा 5100 लड्डुओं का भोग लगा कर बांटे गए। ग्रामीण तहसील पत्रकार संघ की ओर से 151 किलो ग्राम फरियाली खिचड़ी का वितरण किया गया।
रात भर पुलिस एवं प्रशासन चल समारोह में व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलर्ट रहा। एसडीएम दीपक चौहान, एसडीओपी शेरसिंह भूरिया, तहसीलदार सुरेश नागर, टीआई दीपकसिंह चौहान समेत बाहर से बुलाया गया पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।
सवारी देखने के लिए जितने नगरवासी उमड़े उससे अधिक आसपास की फैक्ट्री में काम करने वाले बाहर के सैकड़ों कर्मचारी भी परिवार सहित सवारी मार्ग पर दिखाई दिए। प्रशासन ने इस बार अखाड़े में केवल उस्ताद के पास ही तलवार रखने का निर्देश दिया था। इसलिए युवाओं ने लाठी डंडे घुमा कर ही अपने कला कौशल को दिखाया। रात्रि में ही अन्य नगरों से आए लोगों ने कई झांकियां खरीदने का सौदा कर लिया। आगामी तीज त्योहार पर अपने यहां निकलने वाली झाकियों को प्रदर्शन के लिए ले जाएंगे।