देवप्रबोधिनी एकादशी : देव जागेंगे 12 नवंबर को, मांगलिक कार्य 16 से प्रारंभ होंगे

उज्जैन, अग्निपथ। इस बार देव प्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर को है। इस दिन से मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बार मांगलिक कार्यक्रम 4 दिन बाद यानी 16 नवंबर से प्रारंभ होंगे।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 12 नवंबर को मंगलवार के दिन उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र में है। मंगलवार के दिन उत्तरा भाद्र पद नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि नाम का योग बनता है और इस दिन यह नक्षत्र होने से शुभकारी भी है। एकादशी पर द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में तुलसी-सालिगराम विवाह का आयोजन होगा। इस दिन भगवान द्वारकाधीश का दुल्हा रूप में श्रृंगार किया जाएगा।

पं. अमर डब्बा वाला ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता अनुसार इस दिन तुलसी सालिगराम जी की विवाह की परंपरा है। ग्रहों की अनुकूलता होने व चातुर्मास का समापन होने के कारण देवउठनी एकादशी से विवाह, वास्तु, यज्ञोपवित आदि शुभ कार्यों का मुहूर्त आरंभ हो जाता है।

पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव सृष्टि का भार पुन: भगवान विष्णु के हाथों में सौंप देते है। राजा बलि का आतिथ्य कार्तिक शुक्ल एकादशी को पूर्ण हो जाता है तब भगवान विष्णु सृष्टि का भार संभालने के लिए उपस्थित हो जाते है। यही कारण है कि भगवान विष्णु की उपस्थिति विवाह कार्य के लिए विशेष तौर पर मानी जाती है।

द्वारकाधीश मंदिर में होगा तुलसी विवाह

सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पर एकादशी को धार्मिक आयोजन सम्पन्न होंगे। मंदिर के पुजारी मधुर शर्मा ने बताया कि मंगलवार को देव प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर मंदिर में संध्या के समय विधि-विधान से तुलसी-सालिगराम जी का विवाह होगा। वहीं इस दिन भगवान द्वारकाधीश का श्रृंगार दुल्हा रूप में किया जाएगा।

इस वर्ष 40 से अधिक विवाह मुहूर्त

पं. डब्बा वाला ने बताया कि 12 नवंबर 2024 देव उठनी एकादशी से वर्ष 2025 में आने वाली देव उठनी एकादशी तक विवाह के करीब 40 श्रेष्ठ मुहूर्त है। शुद्ध मुहूर्त में विवाह का अनुकूल प्रतिशत प्राप्त होता है। इसलिए अपने चंद्र, सूर्य, बृहस्पति का बल देखकर के विवाह के मुहूर्त निकलवाना चाहिए।

  •  नवंबर 2024- तिथि 16, 22,
  • दिसंबर 2024- तिथि 3, 4,14,
  • जनवरी 2025- तिथि-16,17, 21, 22,
  • फरवरी 2025- तिथि- 7, 13, 18, 20, 21, 23, 25
  • मार्च 2025- तिथि 5, 6,
  • अप्रैल 2025- तिथि 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
  • मई 2025- तिथि 5, 6, 7, 8, 13, 14, 17, 28,
  • जून 2025- तिथि 1, 2, 4, 7, 8 तारीख में शुद्ध मुहूर्त है।

(12 जून से 8 जुलाई तक गुरु का तारा अस्त रहेगा, इस कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे)

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