हम चुप रहेंगे

खाली करो…

चक्रम में अभी-अभी दीक्षांत समारोह निपटा है। इसके एक दिन पहले राजधानी में बैठक थी। चक्रम के मुखिया और विकास पुरुष भी मौजूद थे। इस बैठक में आवास और गेस्टहाऊस खाली कराने का मुद्दा उठा। प्रदेश की प्रथम नागरिक ने नाराजगी दिखाई। खाली करवाने के निर्देश दिये। अब चक्रम के चतुर मुखिया के इस कदम की चर्चा खूब सुनाई दे रही है। कारण…एक तीर से दो शिकार हो गये। पहला शिकार अपने दिल्ली वाले नेताजी हुए। तो दूसरे शिकार अपने विकास पुरुष। जिनके प_ों ने अतिथि निवास पर कब्जा कर रखा है। अब देखना यह है कि चक्रम के मुखिया खाली करवाते हैं या नहीं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

बंटवारा…

भातपूजा के लिए प्रसिद्ध मंदिर से होने वाली ऊपरी कमाई का बंटवारा कहां होता है। यह सवाल मंदिर के गलियारों में गूंज रहा है। तो इसका खुलासा हम कर देते हैं। शहर की अनाज मंडी के सामने एक दरगाह है। जिसके पीछे एक चाय की होटल है। यहां पर मंदिर के मुखिया अकसर दोपहर बाद मिलते हैं। कुछ देर बाद मंदिर का एक कर्मचारी आता है। जहां पर दिनभर की कमाई का बंटवारा होता है। बस …मुखिया को एक शिकायत है। बंटवारे की राशि फुटकर नोटों में आती है। जबकि मुखिया को बड़े नोट चाहिये। जिसमें हम क्या कर सकते हैं। हम तो बस अपनी आदत के अनुसार चुप रह सकते हंै।

दादागिरी…

कमलप्रेमियों द्वारा इन दिनों निधि वसूली जा रही है। पूरी दादागिरी के साथ। देना ही होगी। जो नहीं देगा, उसको थप्पड़ इनाम में मिलेगा। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद कमलप्रेमी ही बोल रहे हंै। जिसके पीछे मुसद्दीपुरा की एक घटना सुनाई जा रही है। निधि वसूलने 2 पार्षद पति गये थे। दुकानदार के पिता पुराने कमलप्रेमी है। नगर परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। कपड़ों की दुकान है। जिसे उनका पुत्र संभालता है। उसने निवेदन किया। पिता ने निधि की रसीद कटवा दी है। ग्रामीण क्षेत्र में। इसलिए राशि देने से मना कर दिया। बस फिर क्या था। दादागिरी शुरू हो गई। एक थप्पड दुकानदार को रसीद कर दिया। जिसके बाद निधि की राशि देने में कोई आना-कानी नहीं हुई। मगर दादागिरी से वसूली की चर्चा अब कमलप्रेमी कर रहे हैं। लेकिन हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप रहना हैं।

रुकावट…

अपने पंजाप्रेमी चरणलाल जी पूरी तैयारी में हैं। दम ठोककर। आपका बेटा-आपके द्वार। प्रथम नागरिक की दौड़ में है। यह बात तो सबको पता है। मगर उनकी राह में रुकावट के लिए एक पंजाप्रेमी नेता भी तैयार हंै। यह वही है, जो 2018 में कमलप्रेमी हो गये थे। पुत्र मोह के चलते। अब वापस पंजाप्रेमी हो चुके हैं। तमाम अवरोध के बाद भी। अब वह भी प्रथम नागरिक का सपना देख रहे हंै। ऐसी पंजाप्रेमियों में चर्चा है। अब देखना यह है कि इंदौरी नेता, अपने चरणलाल जी की राह में रुकावट बन पाते हैं या नहीं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

आर्डर…

बाबा महाकाल के दरबार में किसका आर्डर चलता है। अपने उम्मीद जी-नरों में इंद्र या फिर किसी और का भी? यह सवाल मंदिर के गलियारों में सुनाई दे रहा है। जिसके पीछे का मामला प्रोटोकॉल ड्यूटी से जुड़ा है। उम्मीद जी ने सभी के काम का निर्धारण और स्थल तय कर रखा है। इसके बाद भी धर्मशाला में पदस्थ कर्मचारी, अपनी मर्जी से प्रोटोकॉल में ड्यूटी कर रहे हैं। जिसके पीछे वरदहस्त अपने उदासीन बाबा का बताया जा रहा है। उदासीन बाबा, वही है, जिन्हें अभियान परिषद की जिम्मेदारी मिली है। मगर उनका सारा ध्यान मंदिर की व्यवस्थाओं में रहता है। दखलंदाजी करते हैं। इसी वजह से उन्होंने अपने छर्रे को प्रोटोकॉल में लगा दिया है। मंदिर के गलियारों में तो यही चर्चा है। अब देखना यह है कि अपने उम्मीद जी क्या कदम उठाते हंै। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

नोटिस…

अपने उम्मीद जी ने अभी-अभी एक कांड पकड़ा है। सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में मरीजों को भेजने का। इसके लिए उनको बधाई। फिर उनके निर्देश पर निजी अस्पताल को नोटिस जारी हो गये। इसकी भी बधाई। मगर, क्या केवल नोटिस जारी करने से अपराधी को दंड मिल जायेगा? इसकी संभावना 1 प्रतिशत भी नहीं है। क्योंकि सन् 20 में इससे बड़ा कांड हो चुका है। आयुष्मान योजना कांड। जिसमें अस्पताल प्रबंधन ने सारे नियम तोड़ दिये थे। केवल अपनी जेब गर्म करने के लिए। तब मि. मॉर्निंग के निर्देश पर जांच हुई थी। स्टाइलिश मैडम ने जांच की थी। दोषी भी पाया गया था। लेकिन अस्पताल का बाल बांका भी नहीं हुआ था। क्योंकि नीली फिल्मों के शौकीन डॉक्टर का वरदहस्त था। जांच रिपोर्ट दब गई। ऐसे में रैफरल कांड नोटिस से क्या बिगडऩे वाला है। ऐसी चर्चा चरक के गलियारों में सुनाई दे रही है। अब देखना यह है कि अपने उम्मीद जी नोटिस के बाद क्या कदम उठाते हंै। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

निविदा…

शासकीय विभागों से निकलने वाले टेंडर का एक नियम है। न्यूनतम दर वाले ठेकेदार को काम दिया जाता है। मगर शिवाजी भवन के डिमांड बाज अधिकारी इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। मामला शिवाजी भवन में किराये पर लगने वाली टैक्सी से जुड़ा है। दो ठेकेदारों ने निविदा में भाग लिया। न्यूनतम दर वाले को काम मिलना था। मगर जैसे ही फाइल अपने डिमांडबाज के पास पहुंची। उन्होंने फाइल पर रि-टेंडर का लिख दिया। ऐसा एक नहीं दो बार किया। कारण परिवहन दलाली कांड के ठेकेदार ने अपने डिमांड बाज की भेंटपूजा कर दी है। इसीलिए नियम को तोडक़र वापस रि-टेंडर का फच्चर फंसा दिया है। अब देखना रोचक होगा कि अपने मंदमुस्कानजी, डिमांडबाज की जिद के आगे झुकते हैं या नहीं। तब तब हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

फायनल…

मेरा टिकट तो फायनल है। इस बार पक्का मुझे ही मिलेगा। ऊपर सभी से बात हो गयी है। ऐसा हर चुनाव से पहले बोलने वाले शख्स से अपने कमलप्रेमी खूब परिचित हैं। फिर भी हम उनका नाम बता देते हैं। यह कोई और नहीं अपने आराधना पे्रमी हैं। जिनका यह राग-फायनल कमलप्रेमी पिछले 15 सालों से सुनते आ रहे हैं। अब प्रथम नागरिक बनने का ख्वाब देख रहे हैं। इस बार उनका दावा है अब सब कुछ फायनल है। इधर वजनदार जी दो पूर्व प्रथम नागरिक का नाम चला रहे हैं। जबकि विकास पुरुष की पसंद प्रभु के लाल हैं तो पहलवान की पसंद भैरवगढ़ निवासी राम के चंद्र हैं। अब देखना यह है कि इन सभी के बीच में से अपने आराधना प्रेमी कैसे फायनल रिजल्ट लाते हैं। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

दावा…

एक पार्षद पति हैं जिनको उनके चाहने वाले कौआ के नाम से पीठ पीछे बुलाते हैं। उनका दावा है कि नगरीय चुनाव में वही सब कुछ करेंगे। मतलब प्रथम नागरिक का पद हो या नगर सेवक का। सूची उनके द्वारा ही तैयार होगी। इतना ही नहीं उनका तो यह तक दावा है कि विकास पुरुष को पद दिलाने में उनकी रजामंदी ही काम आयी। अब उनके दावे को चैलेंज करने वाले हम कौन होते हैं। जब हम कोई होते नहीं हैं तो फिर अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

आगाज…

एक तरफ जहां अपने चरणलाल जी को रोकने के लिए, उनके विरोधी एक जुट हो गए हैं। वहीं चरणलाल जी ने आज से प्रथम नागरिक अभियान का आगाज कर दिया है। सोशल मीडिया पर काम करने वाले पंजाप्रेमियो को बुलाकर। बढिय़ा, सम्मान कर दिया, शील्ड देकर। बाद में मालवी भोजन दाल-बाफले का सभी ने आनंद उठाया। कार्यक्रम में कामरेड तो पधारे, मगर बिरयानी नेताजी गायब रहे। अब पंजा प्रेमी, अपने चरणलाल जी के इस आगाज की चर्चा कर रहे हैं। देखना यह है कि सारे विरोधी मिलकर, चरणलाल जी को रोक पाते हैं या नही? तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते हैं।

-प्रशांत अंजाना

Next Post

बाइक की रफ्तार भारी पड़ी, कार में घुसने से बालक की मौत

Sun Feb 28 , 2021
उज्जैन,अग्निपथ। आगर रोड पर रविवार को तेज रफ्तार बाइक से जा रहे तीन बालक कार में पीछे से घुस गए। हादसे में एक की मौत हो गई,दो घायल हो गए। बाइक दुर्घटना में मक्सीरोड़ पर ाी एक युवक की जान ली है। वहीं उन्हेंल मार्ग पर हार्वेस्टर मशीन की चार […]