गंदे पानी की समस्या से नाराज थे महापौर, कहा- अधिकारी काम नहीं करना चाहते
उज्जैन, अग्निपथ। वार्ड की समस्या जानने निकले महापौर और एमआईसी सदस्यों को अपनी ही पार्टी की सरकार होने के बाद भी धरने पर बैठना पड़ा। महापौर गंदे पानी की समस्या से परेशान लोगों के लिए नगर कोट में धरने पर बैठ गए और जब तक काम शुरू नहीं हुआ तब तक वे वहां से उठे नहीं। महापौर ने अधिकारियो द्वारा शिकायत का निराकरण नहीं करने का आरोप लगाया।
शुक्रवार सुबह महापौर मुकेश टटवाल, एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, प्रकाश शर्मा, योगेश्वरी राठौर, सत्यनारायण चौहान, रजत मेहता वार्ड 16 में लोगो की समस्या जानने पहुंचे। यहां पर क्षेत्रीय पार्षद राजेश बॉथम सहित रहवासियों ने गंदे पानी की समस्या बताते हुए कहा की बीते डेढ़ साल से क्षेत्र में पाइप लाइन टूटी होने के चलते गंदा पानी आ रहा है
कई बार शिकायत की लेकिन आज तक समस्या का निदान नहीं हो पाया है। समस्या सुनते ही महापौर ने पीएचई के अधिकारी से बात की, जिस पर उन्होंने फंड नहीं होने की जानकारी दी। इसके बाद महापौर सहित पांचों एमआईसी मेंबर अघोषित धरने पर बैठ गए और उन्होंने अधिकारियो से कहा की जब तक इस क्षेत्र में पानी की समस्या दूर करने के लिए कार्य शुरू नहीं होगा तब तक यहां से नहीं जाएंगे। जिसके बाद पीएचई के एनके भास्कर ने पहुंचकर कार्य शुरू करवाया।
अधिकारी काम नहीं करना चाहते, इसलिए बैठना पड़ा
महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि धरना नहीं था लेकिन अधिकारियो को डेढ़ साल से समस्या बता रहे है लेकिन कमिशनर सहित अन्य अधिकारी काम नहीं करना चाहते है। ऐसे में हमको यही पर बैठकर काम शुरू करवाना पड़ा।
कांग्रेस नेताओं ने कहा, आम नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दे पा रहे, सत्ताधारी नाटक में व्यस्त
शुक्रवार को महापौर ने धरना देकर सिध्द किया कि उज्जैन में ट्रिपल इंजन सरकार फैल हुई है। कांग्रेस पार्टी की बात को महापौर ने स्वयं प्रमाणित किया है और वह स्वयं धरने पर बैठे। पिछले दिनों सदन की बैठक में कांग्रेस पार्टी द्वारा महापौर से इस्तीफा की मांग की गई थी। शहर के अधिकारियों से काम लेने में वे पारंगत नहीं है, यही कारण है आज शहर की जनता उनके सामने खड़े होकर मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रही है।
शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी, नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि उज्जैन शहर में मूलभूत सुविधाओं के लिए नगर के नागरिक सत्ताधारियों से लगातार मांग कर रहे हैं और इन्हीं मांग को आगे बढ़ते हुए कांग्रेस के पार्षदगण और कांग्रेस पार्टी लगातार इन मुद्दों को उठाते हुए नगर निगम, पीएचई, निगम के अधिकारी, महापौर बंगले का घेराव कर लगातार विपक्ष की भूमिका का निर्वाह कर रहा है परंतु सत्ताधारी उज्जैन नगर निगम से लेकर के भोपाल और भोपाल से लेकर के दिल्ली के कोई भी नेता इन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश भाटी, नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार जनता के मुद्दों को उठाते हुए नगर निगम के सदन से लेकर के सडक़ों तक कई लड़ाइयां लड़ चुकी है परंतु जिम्मेदार भाजपा बोर्ड कानों में रुई डाले बैठे हुए हैं। इन्हें जनहित के किसी भी आंदोलन, प्रदर्शन से सरोकार नहीं रहा। वर्तमान में ढाई वर्ष पश्चात महापौर को नगर के नागरिकों की सूध लेने की आवश्यकता महसूस हुई अभी तक वे स्वागत और सत्कार में व्यस्त हैं, पर अब जब वार्डों में घूम रहे हैं तो जनता उनका घेराव कर रही है।
महिलाओं ने महापोर का घेराव किया
ऐसे ही 14 फरवरी को फाजलपुरा क्षेत्र में पहुंचे महापौर से यहां की महिलाओं ने समस्या का निराकरण करने की मांग की। परंतु महापौर द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर महिलाओं ने महापोर का घेराव किया, अपनी छवि को बचाने के लिए महापौर ही महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गए। डेढ़ साल से पाइप लाइन फूटी पड़ी हुई है, इस क्षेत्र के लोग डेढ़ वर्ष से गंदा पानी पी रहे, कम दबाव से यहां पानी आ रहा। पाइप लाइन को लेकर के नागरिक, क्षेत्रीय पार्षद महापौर और क्षेत्रीय विधायक से मांग कर रहे हैं परंतु इन मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नगर की ऐसी स्थिति होने के कारण उनकी स्वयं की छवि पर भी इस बात का असर पड़ा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे नगर निगम के आपसी झगड़ो को दूर करें। जिस प्रकार के विवाद महापौर और एम आई सी के मेंबर में चल रहा है, महापौर का विवाद आयुक्त नगर निगम से चल रहा है, निगम के अधिकारियों का विवाद महापौर से चल रहा है, इन सब विवादों के समाधान निकालें। ताकि शहर की जनता को मूलभूत सुविधा प्राप्त हो। रवि राय ने कहा कि वर्तमान में पूरे शहर में कम दबाव से पानी आ रहा वह भी गंदा, टूटे हुए चैंबर, टूटी हुई नालियां, टूटी हुई सडकें, उजड़े हुए उद्यान, बंद पड़े हैंड पंप, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट, यह सब उज्जैन की दुर्दशा प्रदर्शित कर रही है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी, रवि राय ने कहा कि आने वाले सिंहस्थ के संदर्भ में अनेक घोषणा की जा रही है परंतु नगर निगम उज्जैन वित्तीय संकट से जूझ रहा है और इन सब का कारण एक ही है के शासन समय पर दिए जाने वाली राशि निगम को प्रदत नहीं कर रहा है। जिसके कारण शहर के जन प्रतिनिधियों की छवि उनकी प्रतिष्ठा आम नागरिकों के बीच धूमिल हो रही है। केंद्र में भाजपा, राज्य में भाजपा, उज्जैन शहर में भाजपा, स्वयं मुख्यमंत्री का गृहनगर ऐसे में नगर के नागरिक अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।