CM खट्टर और डिप्टी CM का दावा-नहीं गिरेगी सरकार
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने मनोहर खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर की अनुमति के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। हुड्डा ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसानों की मौत के मसले से भाषण शुरू किया। प्रस्ताव पेश करने के साथ ही हुड्डा ने मांग की सीक्रेट वोटिंग करवाई जाए।
सदन की कार्यवाही के बड़े अपेड्टस
पलवल के पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की अपनी ही कांग्रेस सरकार को हरियााणा की कृषि नीतियां अपनाने की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन यहां उसी पार्टी के नेता भूपेंद्र हुड्डा उन्हीं नीतियों का विरोध कर रहे हैं। नकली मुख्यमंत्री रहे हैं वह। असली मुख्यमंत्री तो मनोहर लाल हैं।
भाजपा के विधायक असीम गोयल ने अपने भाषण में देशद्रोही शब्द का इस्तेमाल किया। इस पर कांग्रेस विधायक हंगामे पर उतर आए। वो वेल तक पहुंच गए। उनका आरोप है कि गोयल ने किसानों को देशद्रोही कहा है, हालांकि असीम गोयल ने यह शब्द किसानों के लिए इस्तेमाल नहीं किया है।
जननायक जनता पार्टी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को बोलने का मौका नहीं दिया गया तो उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही है।
इससे पहले अपने अविश्वास प्रस्ताव में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2019 में वोटिंग से पहले लोगों का विश्वास जीतने के लिए एक पार्टी (BJP) 75 पार का दावा कर रही थी तो दूसरी पार्टी (JJP) यमुना पार करने की बात कह रही थी। वोटिंग में जनता ने दोनों को ही नकार दिया। यह अलग बात है कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। बाद में एक-दूसरे का गला काटने वाली पार्टियां एक-दूसरे की दोस्त बन बैठी।
उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज ने दावा किया है कि यह प्रस्ताव ही गिरेगा, सरकार नहीं। हमें किसी भी तरह का खतरा नहीं है।
बदले-बदले से है JJP विधायकों के तेवर
हरियाणा विधानसभा में सरकार की तरफ से 12 मार्च को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया जाना है। हालांकि दूसरी ओर हालात कुछ ठी नहीं हैं। सत्ता दल की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के विधायकों के तेवर भी बदले-बदले से हैं। बीते दिन पार्टी के चार विधायकों ने कृषि कानूनों पर अपने-अपने ढंग से विचार रखे। इनमें से टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली समेत तीन के सुर बगावत वाले हैं।
किस नाराज विधायक का क्या कहना है?
जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने मंगलवार को ही सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान तीन कृषि कानूनों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा काम किया है। अगर फिर भी कानून को लेकर किसानों को कोई दिक्कत है तो तीन साल दो माह तक कानून को रोक दें। 2024 के लोकसभा चुनाव जीत हासिल करने के बाद लागू कर दें। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर गौतम ने वोट देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून खट्टर सरकार ने नहीं बनाए हैं। मैं इस वक्त खट्टर सरकार के साथ हूं।
पार्टी के बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि हरियाणा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून बनाए। किसानों की फसल MSP पर ही खरीदी जानी चाहिए। सिहाग इससे पहले भी बगावती तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि किसानों की मांग बिल्कुल जायज है, मैं उनके साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा था कि विधायक बाद में, पहले मैं किसान हूं, जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने को तैयार हूं।
टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली ने विधानसभा के बाहर मीडिया से रू-ब-रू होकर कहा कि अगर विधायक अपने इलाकों में रहे तो लोग उन्हें पीट देंगे। इन्हें लोहे के हेलमेट बनवाने पड़ेंगे, खासकर जजपा विधायकों को। अगर किसानों के मसले का हल नहीं होता तो जजपा को गठबंधन से बाहर आ जाना चाहिए। पार्टी की तरफ से जारी व्हिप के चलते मैं अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के साथ रहूंगा, लेकिन मैं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मांग करता हूं कि वह गठबंधन से बाहर आ जाएं।
इससे पहले विधानसभा में ईश्वर सिंह ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए अपनी बात शुरू की और फिर देखते ही देखते तीखे सवाल दागने शुरू कर दिए। उन्होंने बजट में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए कुल आवंटित राशि में से 40% हिस्सा जारी नहीं होने पर सवाल उठाए।
अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल के जवाब से असंतुष्ट ईश्वर सिंह लगातार वित्त मंत्री से जवाब की मांग पर अड़े रहे, जिसके बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि वह बजट पर चर्चा के दौरान इसका जवाब देंगे।
इसके बाद BPL परिवारों को प्लॉट आवंटन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में आखिरी बार 100 गज के प्लॉट दिए गए थे। 54% लोगों को प्लॉट मिले, जबकि बाकी 46% को या तो जमीन पर कब्जा ही नहीं मिला या फिर पंचायतों ने इन्हें वापस ले लिया। BPL परिवारों को प्लॉट देने की योजना फिर शुरू की जानी चाहिए।
हरियाणा विधानसभा में पार्टियों की ये स्थिति है
2019 के अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में 90 में भारतीय जनता पार्टी को 40 सीट हासिल हुई। 31विधायकों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के खाते 10 सीट आई। 7 पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे। एक सीट इंडियन नेशनल लोकदल की आई तो एक गोपाल कांडा की हरियाणा लोकभलाई पार्टी को मिली।
अब कृषि कानूनों के विरोध में महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और चरखी दादरी के MLA सोमबीर सांगवान सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। ऐलनाबाद सीट से विधायक इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। साथ ही कालका के कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को तीन साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है।