मंत्री की फटकार के बाद इंदौर रेफर
धार, अग्निपथ। धार जिला अस्पताल में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहाँ एक 13 वर्षीय नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता को गर्भपात के लिए घंटों तक परेशान होना पड़ा। परिवार को लगातार प्रशासनिक उदासीनता का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पिता ने केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर के सामने मदद की गुहार लगाई। मंत्री की फटकार के बाद ही व्यवस्था हरकत में आई और देर रात पीडि़ता को इंदौर रेफर किया जा सका।
न्याय के लिए लंबा संघर्ष थाने से कोर्ट तक
करीब तीन महीने पहले धार जिले के राजगढ़ से तिरला की ओर जा रही 13 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। आरोपी उसे एक वैन में बैठाकर ले गए थे। जब पीडि़त परिवार शिकायत लेकर तिरला थाने पहुँचा, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि मामला राजगढ़ क्षेत्र का है। राजगढ़ थाने पहुँचने पर भी उन्हें बताया गया कि घटना तिरला क्षेत्र की है।
दोनों थानों के चक्कर लगाने के बाद, प्रताडि़त परिवार ने 26 अप्रैल को एसपी कार्यालय में शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस बीच, पता चला कि आरोपी कमलेश (निवासी आलीराजपुर) अपने आठ साथियों के साथ लडक़ी को गुजरात ले गया था, जहाँ उसके साथ दुष्कर्म किया गया। कुछ समय बाद नाबालिग घर लौट आई। परिवार आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए लगातार संघर्ष करता रहा। आखिरकार, 7 मई को परिवार ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की।
कोर्ट के आदेश पर जब नाबालिग का मेडिकल कराया गया, तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि वह ढाई माह की गर्भवती है। इसके बाद परिजनों ने गर्भपात की अनुमति के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने धार एसपी से इस मामले में 26 मई तक जवाब मांगा था।
मंत्री की फटकार बनी सहारा, इंदौर में भर्ती पीडि़ता
हाईकोर्ट के निर्देश पर शून्य पर अपराध बयानों के आधार पर दर्ज किया गया और मामला गुजरात भेज दिया गया। रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने गर्भपात की अनुमति दी थी। 27 मई को धार अस्पताल में मेडिकल टीम की मौजूदगी में गर्भपात की प्रक्रिया होनी थी, लेकिन पूरे दिन परिजन और पीडि़ता को परेशान होना पड़ा।
अंत में, अधिवक्ता के माध्यम से पीडि़त परिवार केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर से मिला। केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर जब अस्पताल के निरीक्षण पर पहुँचीं, तो पीडि़ता के पिता ने उनसे हाथ जोडक़र कहा, ‘हमने क्या गलती की थी? बस हमारी बच्ची के लिए मदद चाहिए…।’ इस मार्मिक अपील और स्थिति को देखकर मंत्री ने व्यवस्था पर कड़ी फटकार लगाई।
इसके बाद, आनन-फानन में दोपहर करीब 4 बजे पीडि़ता को इंदौर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। देर रात लगभग 9 बजे पीडि़ता को इंदौर में भर्ती कर लिया गया था, लेकिन बुधवार सुबह तक भी गर्भपात की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी।
डॉ. एमके बर्मन ने बताया कि बच्ची को सिकलसेल है, और गर्भपात के दौरान जटिलताओं की आशंका के मद्देनजर उसे इंदौर रेफर किया गया है।