विश्व पर्यावरण दिवस के एक दिन पहले पेड़ो की अंधाधुंध कटाई

वन विभाग, राजस्व विभाग, नगर निगम व ग्राम पंचायत अवैध कटाई को नहीं रोक पा रहे

देवास, अग्निपथ। आज हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, जगह-जगह पौधा रोपण कर फोटो सेशन कर वाह वाही लूट रहे होगे। जिला प्रशासन, नगर निगम, ग्राम पंचायत, वन मंडल, अनेक राजनीतिक संगठन पौधा का रोपण कर अखबारों, इलेक्ट्रानिक मीडिया में सुर्खियों में रहेंगे, लेकिन देखा जाता है कि पौधारोपण के बाद कोई भी अधिकारी, जनप्रतिनिधि सुध लेने को तैयार नहीं है। पेड़ पौधों के बचाव में कोई भी जिले के जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने पहल नहीं की है।

बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंंत्री दीपक जोशी की कम्पनी मालवा पेपर की बाउण्ड्री के यहां हरे-भरे वृक्ष काटे जा रहे थे। वहीं औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कम्पनी ज्योति वेविंग, फ्लोडोमेड, आकाश प्लास्टिक, सनफार्मा सहित अनेक उद्योगों में पेडो की कटाई आए दिन देखी जा सकती है।

पेड़ पौधों की कटाई का जिम्मेदार कौन ?

शहर व जिले में पेड़ पौधों की अवैध कटाई एक बड़ी समस्या बन गई है। लगता है कि जिम्मेदार विभाग अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। वन विभाग, राजस्व विभाग, ग्राम पंचायत और नगर निगम सभी एक दूसरे को जिम्मेदारी देकर बच रहे हैं। अवैध पेडो की कटाई के संबंध में विगत दिनों नेशनल युनिटी ग्रुप के सदस्यों ने डीएफओ अमित सिंह को आवेदन भी दिया था। लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही हुई है। डीएफओ ने सदस्यों से कहा कि आप मुझे अवैध लकडियां पकडवाओ। हम कार्यवाही करेंगे यह कहकर पल्ला झाड लिया।

अवैध कटाई जारी

शहरी क्षेत्रों में नगर निगम की लापरवाही के कारण लकडिय़ों की अवैध कटाई और बिक्री जारी है। आरा मशीनों पर छायादार पेड़ों की लकड़ी का व्यापक मात्रा में भंडारण देखा जा सकता है, जो इस बात का संकेत है कि अवैध कटाई को रोकने में विभाग विफल हो रहे हैं।

सामाजिक संस्था की मांग

सामाजिक संस्था नेशनल यूनिटी ग्रुप के संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर, सुनील सिंह ठाकुर, हटेसिंह दरबार, जयसिंह ठाकुर, सत्यराज सिंह, अभिषेक सोनी, जितेन्द्र मारू, लक्ष्मण सिंह सिसोदिया, सीताराम योगी, सुभाष वर्मा, रवि ठाकुर, रफीक पठान आदि ने मांग की है कि वन विभाग, राजस्व विभाग और नगर निगम अपनी जिम्मेदारी समझें और अवैध कटाई को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। साथ ही देवास जिले एवं शहरीय क्षेत्र में संचालित आरा मशीनों पर क्विंटलों में पडी अवैध लकडियों की जाँच होना चाहिए। संस्था का कहना है कि पेड़ पौधों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।

क्या होगा आगे?

अब देखना यह है कि जिम्मेदार विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। क्या वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और अवैध कटाई को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे, या फिर यह समस्या और भी बढ़ जाएगी?

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