उज्जैन की बेटियों ने रचा इतिहास: ‘किरण कवच’ शिविर से बनीं आत्मरक्षा में सशक्त

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सराहा

उज्जैन, अग्निपथ। नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उज्जैन की बेटियों ने अपनी आत्मरक्षा की क्षमता को मजबूत किया है। ‘नृत्यराधना नृत्य मंदिर संस्थान’ द्वारा आयोजित ‘किरण कवच’ आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का शनिवार, 8 जून 2025 को भव्य समापन हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संरक्षण और सांसद अनिल फिरोजिया के मार्गदर्शन में संचालित इस 15 दिवसीय निःशुल्क शिविर ने उज्जैन की सैकड़ों बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में आत्मरक्षा प्रशिक्षित बेटियों ने नृत्य गुरु डॉ. खुशबू पांचाल के निर्देशन में नारी पर हो रहे दुराचारों और उनसे लड़ने में आत्मरक्षा की अहम भूमिका पर आधारित एक भावपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

‘आत्मरक्षा के लिए पूरे प्रदेश की नारियों को सशक्त करने का संकल्प’

पुलिस सामुदायिक भवन, पुलिस लाइन में आयोजित समापन सत्र के दौरान, नृत्यराधना नृत्य मंदिर संस्थान की निदेशक डॉ. खुशबू पांचाल ने मुख्यमंत्री के सामने एक दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे पूरे प्रदेश की नारियों की आत्मरक्षा के लिए तत्पर हैं और मध्य प्रदेश की हर बेटी को अपनी आत्मरक्षा हेतु सशक्त बनाने के लिए संकल्पित हैं। यह घोषणा उनके समर्पण और महिला सुरक्षा के प्रति उनके गहरे सरोकार को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने डॉ. खुशबू पांचाल के प्रयासों की सराहना की

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में डॉ. खुशबू पांचाल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. खुशबू पांचाल उनकी छोटी बहन जैसी हैं और कई वर्षों से सामाजिक सेवा के कार्यों में सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री ने डॉ. पांचाल के पूर्व के कार्यों का भी उल्लेख किया, जिसमें दिव्यांग बच्चों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करना और मोक्षदायिनी मां शिप्रा के संवर्धन हेतु किए गए प्रयास शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “एक कथक नृत्यांगना और नृत्य संस्था के मूल कार्य के बावजूद, आपने आज 150 से अधिक बेटियों को जो आत्मरक्षा दी है और नृत्य के माध्यम से भी उन्हें सशक्त करने का जो निरंतर प्रयास किया है, वह वास्तव में अभिनंदनीय है।” मुख्यमंत्री के इन शब्दों ने डॉ. पांचाल और उनकी टीम के अथक परिश्रम को मान्यता दी, जिसने उज्जैन की बेटियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया है।

समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने ‘किरण कवच’ शिविर की सफलता और नारी सशक्तिकरण के प्रयासों की सराहना की। इनमें कौशल विकास विभाग एवं रोजगार विभाग मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक उज्जैन उत्तर अनिल जैन कालूहेड़ा, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष एवं आलोट विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय, नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, नगर उपाध्यक्ष जगदीश पांचाल, आईजी उमेश जोगा, एसपी प्रदीप शर्मा, कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और नृत्य गुरु डॉ. पूनम व्यास प्रमुख थे। इन सभी दिग्गजों की उपस्थिति ने इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा दिया।

रुह कंपा देने वाली नाट्य प्रस्तुति और सशक्तिकरण का संदेश

मुख्यमंत्री के ऊर्जावान उद्बोधन के बाद, शिविर में प्रशिक्षित 100 से अधिक बेटियों ने एक साथ मिलकर एक भव्य नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। इस नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया, क्योंकि इसमें समाज में नारी पर हो रहे अत्याचारों जैसे एसिड अटैक, ईव टीजिंग और बलात्कार को अत्यंत संवेदनशील रूप में दर्शाया गया था। यह प्रस्तुति इतनी भावविभोर कर देने वाली थी कि उपस्थित लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।

नाटिका के अंत में, यह भी प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया कि कैसे ‘नारी आत्मरक्षा सशक्तिकरण किरण कवच शिविर’ के माध्यम से अब नारियां इन घटनाओं से स्वयं को सुरक्षित रख सकेंगी। इसमें मानसिक और शारीरिक रूप से आत्मरक्षा करने की कला का प्रदर्शन किया गया, जो दर्शाता है कि अब उज्जैन की बेटियां किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह प्रस्तुति केवल कलात्मक नहीं थी, बल्कि इसमें एक शक्तिशाली सामाजिक संदेश भी निहित था – “अब नारी कमजोर नहीं, वह आत्मनिर्भर और सशक्त है!”

प्रमाण पत्र वितरण और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं

प्रस्तुति के बाद, सभी प्रतिभागी महिलाओं को उनके समर्पण और प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। यह उनके कठोर परिश्रम और आत्मरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण था। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के सदस्य अर्पित गुप्ता ने किया, जिन्होंने पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला।

‘किरण कवच’ शिविर ने उज्जैन में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। यह दर्शाता है कि सही प्रशिक्षण और जागरूकता के माध्यम से हमारी बेटियां किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हैं और समाज में सम्मान के साथ जी सकती हैं। उम्मीद है कि ऐसे शिविर पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे, ताकि हर बेटी को अपनी सुरक्षा का अधिकार मिल सके। यह आयोजन सिर्फ एक प्रशिक्षण शिविर का समापन नहीं था, बल्कि उज्जैन की बेटियों के लिए एक नए, सुरक्षित और सशक्त भविष्य की शुरुआत थी।

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