उज्जैन में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत ‘बावड़ी उत्सव’ का भव्य आयोजन

बावड़ी उत्सव

जल संरक्षण का दिया संदेश

उज्जैन, अग्निपथ। जल ही जीवन है, और इस अनमोल संसाधन के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने एक सराहनीय पहल की है। उज्जैन जिले के घटिया विकासखंड में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत एक अनूठा ‘बावड़ी उत्सव’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम विकासखंड के ग्राम रुई स्थित प्राचीन श्री भैरव बाबा की बावड़ी पर संपन्न हुआ, जहाँ ग्रामीणों ने उत्साह के साथ जल संरक्षण का संकल्प लिया और अपनी प्राचीन जल संरचनाओं के महत्व को समझा।

ढोल-नगाड़ों के साथ निकली कलश यात्रा, भक्तिमय हुआ माहौल

कार्यक्रम की शुरुआत अत्यंत भक्तिपूर्ण और पारंपरिक तरीके से हुई। गांव की महिलाओं ने सर्वप्रथम स्थानीय शिव मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद, ढोल-नगाड़ों की गूंज और जयकारों के साथ एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जो बावड़ी तक पहुँची। इस कलश यात्रा ने पूरे गांव में एक सकारात्मक और उत्साहपूर्ण वातावरण बना दिया, जिससे ग्रामीणों का जल संरक्षण के प्रति जुड़ाव और बढ़ा।

प्राचीन जल संरचनाओं का महत्व और संरक्षण की अपील

कलश यात्रा के बावड़ी पहुँचने के बाद, वरिष्ठ समाजसेवी राधे श्याम पांचाल ने उपस्थित ग्रामीणों को जल संरक्षण का महत्व समझाया। उन्होंने प्राचीन जल संरचनाओं जैसे बावड़ियों की उपयोगिता और आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। पांचाल ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इन अमूल्य जल स्रोतों का संरक्षण करें और उनमें किसी भी प्रकार का कूड़ा-करकट या अपशिष्ट पदार्थ न डालें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये बावड़ियाँ हमारी विरासत हैं और इन्हें स्वच्छ व सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

वाटर हार्वेस्टिंग और नए तालाबों के निर्माण पर जोर

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे जिला पंचायत सदस्य अमर सिंह खोरिया ने अपने उद्बोधन में वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नए तालाबों के निर्माण और वर्षा के जल को सहेजने की आवश्यकता पर बल दिया। खोरिया ने कहा कि आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक तरीकों के समन्वय से ही हम जल संकट का समाधान कर सकते हैं और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्याप्त जल सुनिश्चित कर सकते हैं। उनका यह संदेश जल संरक्षण के लिए व्यावहारिक उपायों की ओर इशारा करता है।

जल संरक्षण की शपथ और भैरव बाबा की पूजा

कार्यक्रम के अंत में, नवांकुर संस्था सुरभि जन कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपेश परमार ने उपस्थित ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। यह शपथ समारोह सभी को जल के सदुपयोग और उसके संरक्षण के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने हेतु प्रेरित करने वाला था। शपथ के बाद, प्राचीन भैरव बाबा मंदिर और बावड़ी का विधिवत पूजन किया गया। बावड़ी को दीपक से सजाया गया, जिससे उसका सौंदर्य और भी निखर उठा। अंत में, उपस्थित सभी ग्रामीणों को प्रसाद वितरित किया गया, जिसने इस पवित्र आयोजन को एक सुखद समापन दिया।

‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ का व्यापक प्रभाव

मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा चलाया जा रहा ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ राज्य भर में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और प्राचीन जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रुई गांव में आयोजित यह ‘बावड़ी उत्सव’ इसी अभियान का एक सफल हिस्सा है, जो दर्शाता है कि जब समुदाय और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो बड़े और सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

यह पहल न केवल जल संकट से निपटने में सहायक होगी, बल्कि यह स्थानीय समुदायों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक भी बनाएगी। भविष्य में ऐसे और आयोजनों की उम्मीद है, जो मध्य प्रदेश को जल समृद्ध बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। उज्जैन और विशेषकर घटिया विकासखंड के लोगों ने इस उत्सव में भाग लेकर यह दिखाया है कि वे जल के महत्व को समझते हैं और उसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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