एक श्रमिक की मौत, मकान मालिक घायल
उज्जैन, अग्निपथ। देवास गेट थाना क्षेत्र स्थित सरदारपुरा में एक बड़ा और दर्दनाक हादसा हो गया है। नगर निगम को सूचित किए बिना निजी तौर पर सेप्टिक टैंक खाली कराना एक श्रमिक की जान पर भारी पड़ गया। सफाई के दौरान वह टैंक में गिर गया और गंदगी में डूबने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, श्रमिक को बचाने गया मकान मालिक भी घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना एक बार फिर बगैर सुरक्षा उपायों और अनधिकृत तरीके से कराए जा रहे ऐसे खतरनाक कार्यों की पोल खोलती है।
सेप्टिक टैंक में गिरने से अमित प्रजापति की दर्दनाक मौत
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सरदारपुरा निवासी कुंदन बलसारा अपने मकान में सेप्टिक टैंक की सफाई करा रहे थे। इस काम के लिए उन्होंने पीपलनाका निवासी श्रमिक अमित प्रजापति को बुलाया था। सफाई के दौरान अचानक अमित सेप्टिक टैंक के भीतर गिर गया।
जैसे ही मकान मालिक कुंदन को अमित के टैंक में गिरने का पता चला, वह उसे बचाने के लिए तुरंत टैंक में कूद पड़े। हालांकि, इस बचाव के प्रयास में कुंदन भी टैंक में फंस गए और घायल हो गए।
परिजनों और पड़ोसियों की मदद से निकाले गए, पर अमित को नहीं बचाया जा सका
घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों और पड़ोसियों ने तत्काल मदद के लिए हाथ बढ़ाया। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को टैंक से बाहर निकाला गया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, अस्पताल में उपचार के दौरान अमित प्रजापति ने दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया। रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मकान मालिक कुंदन बलसारा को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है और उनका इलाज जारी है।
निगम की अनुमति के बिना सफाई, अब जांच के घेरे में
पुलिस ने इस मामले को जांच में ले लिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मकान मालिक ने नगर निगम को सूचित किए बिना ही निजी श्रमिकों को बुलाकर सेप्टिक टैंक खाली कराया था। ऐसे संवेदनशील और खतरनाक कार्यों के लिए नगर निगम के पास उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षित टीमें होती हैं। निगम को सूचना दिए बिना काम कराना सीधे तौर पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है, जिसके गंभीर परिणाम सामने आए हैं।
अब नगर निगम के अधिकारी भी इस मामले की जांच करेंगे। यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे जानलेवा कार्यों में सुरक्षा उपायों और सरकारी नियमों का पालन कितना अनिवार्य है। इस घटना ने एक बार फिर सफाईकर्मियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति समाज और प्रशासन दोनों की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।