नागदा नगर पालिका पर कर्मचारियों के 2.64 करोड़ बकाया वसूली प्रमाण पत्र (RRC) जारी

संपत्ति होगी नीलाम?

नागदा जंक्शन, अग्निपथ। नागदा नगर पालिका परिषद की हठधर्मिता अब उसे भारी पड़ सकती है! कर्मचारियों के बकाया भुगतान न करने के कारण, औद्योगिक न्यायाधिकरण मध्य प्रदेश शासन, इंदौर ने नगर पालिका के विरुद्ध 2 करोड़ 64 लाख 52 हजार 927 रुपये का वसूली प्रमाण पत्र (RRC) जारी कर दिया है। यह प्रमाण पत्र सीधे जिला कलेक्टर उज्जैन को भेजा गया है, जिसका अर्थ है कि अब नगर पालिका की चल-अचल संपत्ति की नीलामी तक की नौबत आ सकती है।

कर्मचारी महासंघ के महामंत्री भवानी सिंह शेखावत ने बताया कि औद्योगिक न्यायाधिकरण ने नगर पालिका के 28 कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए यह आदेश दिया है। अगर जल्द ही भुगतान नहीं होता है, तो नगर पालिका की संपत्तियों को कुर्क कर नीलाम किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह मामला नागदा नगर पालिका के कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित विनियमितीकरण और कम भुगतान की गई राशि से जुड़ा है। न्यायाधिकरण ने कर्मचारियों के पक्ष में आदेश पारित करते हुए नगर पालिका को 2 महीने के भीतर भुगतान करने और विनियमितीकरण करने का निर्देश दिया था। लेकिन नागदा नगर पालिका मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा इन आदेशों का लगातार उल्लंघन किया गया।

इस पर, नगरीय निकाय कर्मचारी महासंघ के महामंत्री भवानी सिंह शेखावत ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 (सी) (2) के तहत श्रमायुक्त महोदय मध्य प्रदेश, इंदौर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। अपर श्रमायुक्त ने नगर पालिका से जवाब मांगा, जिसके बाद कर्मचारियों से भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। कर्मचारियों के स्पष्टीकरण के बाद, अपर श्रमायुक्त मध्य प्रदेश, इंदौर ने विधि के प्रावधानों के अनुसार, नगर पालिका नागदा से भू-राजस्व के समान बकाया राशि 2,64,52,927 रुपये वसूल कर 28 कर्मचारियों को दिलवाने के आदेश पारित कर दिए। इसी के तहत जिला कलेक्टर उज्जैन को वसूली प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

नगर पालिका की कथनी और करनी में अंतर

महासंघ के महामंत्री श्री भवानी सिंह शेखावत ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि नागदा नगर पालिका परिषद खुद को कर्मचारियों का हितैषी बताती है, लेकिन न्यायाधिकरण के आदेशों का भी सम्मान नहीं करती। यह वसूली प्रमाण पत्र नगर पालिका की कथनी और करनी में अंतर का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कर्मचारियों का विनियमितीकरण कर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो नगर पालिका नागदा की चल-अचल संपत्ति को नीलाम करवाकर या उसके खाते सील करवाकर वसूली की जाएगी।

कर्मचारियों के पक्ष में वसूली प्रमाण पत्र जारी होने पर मनीष शर्मा, महेंद्र गुर्जर, विष्णु मकवाना, मंगल रेवाल, राजेश दुर्गज, अजय मेवाती, रवि बारवासा सहित कई कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की है। यह जानकारी महासंघ के उपाध्यक्ष पवन गुर्जर ने दी।

Next Post

बड़नगर के रुनीजा में शिक्षा का बदहाल मंदिर

Thu Jun 12 , 2025
खस्ताहाल स्कूल भवन में नौनिहालों पर मंडराता खतरा रुनीजा (बड़नगर), अग्निपथ। एक ओर सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर देश के भविष्य को गढ़ने वाले शिक्षा के मंदिरों की बदहाली पर किसी का ध्यान […]